Aligarh Muslim University: नए कुलपति के नाम पर मुहर लगने का हो रहा इंतजार, राष्ट्रपति को करना है तय

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में नए कुलपति के नाम पर मोहर लगने की बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है. एएमयू कोर्ट सदस्यों ने 6 नवंबर को कुलपति पैनल में शामिल पांच में से तीन नाम को वोट दे कर चुना था, जिसे राष्ट्रपति के पास भेजा गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 25, 2023 6:22 AM

Aligarh Muslim University: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में नए कुलपति के नाम पर मोहर लगने की बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है. एएमयू कोर्ट सदस्यों ने 6 नवंबर को कुलपति पैनल में शामिल पांच में से तीन नाम को वोट दे कर चुना था, जिसे राष्ट्रपति के पास भेजा गया है. तीन नाम में से प्रोफेसर एमयू रब्बानी, प्रोफेसर फैजान मुस्तफा, प्रोफेसर नईमा गुलरेज शामिल हैं. इनमें से एक नाम का चयन विजिटर राष्ट्रपति द्वारा कुलपति पद के लिए घोषित किया जाना है.

राष्ट्रपति के पास भेजे गये हैं कुलपति के नाम

इन तीन नाम में प्रोफेसर एमयू रब्बानी को सर्वाधिक मत मिले थे. जानकारी के मुताबिक 7 नवंबर को कुलपति पैनल की कार्यवाही की पत्रावली शिक्षा मंत्रालय भेज दी गई थी. यह पत्रावली शिक्षा मंत्रालय के साथ ही अन्य मंत्रालय से होकर यूनिवर्सिटी की विजिटर और राष्ट्रपति के पास भेजी गई. राष्ट्रपति ही कुलपति पैनल में शामिल तीन में से एक नाम पर मोहर लगाएंगी. नए कुलपति के नाम पर कब मोहर लगेगी और इतनी देरी क्यों हो रही है. इसको लेकर यूनिवर्सिटी में अलग-अलग राय है. वहीं, कुलपति की कुर्सी पाने के लिए जान पहचान की पैरवी का भी बखूबी इस्तेमाल होने की चर्चाएं हो रही हैं.

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कुलपति के नाम पर किया जा रहा है मंथन

एएमयू के नये कुलपति की प्रक्रिया पूर्ण होने में करीब डेढ़ से दो महीने का समय लग जाता है. कुलपति पद के उम्मीदवार के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है. कौन कुलपति एएमयू के लिए बेहतर होगा और कानून-व्यवस्था को कैसे सही रखा जा सकेगा. सभी पहलुओं पर मंथन किया जाता है. दिन-रात विद्यार्थियों की समस्याओं का समाधान करने के लिए कौन कुलपति मुफीद होगा. इस पर दिल्ली में भी मंथन हो रहा है. देखना यहा होगा कि एएमयू के नए कुलपति की घोषणा कितने दिन में की जाती है. अभी कार्यवाहक कुलपति के रूप में प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज कामकाज देख रहे है. इनकी पत्नी प्रोफेसर ऩईमा गुलरेज का नाम भी कुलपति चयन के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा गया है. इसको लेकर कुछ लोगों ने न्यायालय में चुनौती भी दी थी.

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