अलीगढ़: एएमयू में हुआ जी-20 कार्यक्रम का आयोजन, पूर्व विदेश सचिव बोले- भारत का बढ़ रहा अंतर्राष्ट्रीय रुतबा
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में जी-20 शिखर सम्मेलन कार्यक्रम का हुआ आयोजन. पूर्व विदेश सचिव श्याम सरन ने कहा कि जी-20 की अध्यक्षता करना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक रिकॉग्निशन है.
Aligarh : अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में शनिवार को आयोजित जी-20 के कार्यक्रम में पूर्व विदेश सचिव श्याम सरन शामिल हुए. जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के सभागार में उन्होंने भारत की विदेश पॉलिसी के बारे में खुलकर बात की.
भारत का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान बढ़ा
जी-20 शिखर सम्मेलन को लेकर पूर्व विदेश सचिव श्याम सरन ने कहा कि जी-20 की अध्यक्षता करना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक रिकॉग्निशन है. 10 सालों में भारत का रुतबा बढ़ा है, इसलिए जी-20 सम्मिट को होस्ट कर रहे है. उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक अवसर है और इसकी सफलता से भारत का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान और बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि विश्व के 20 पावरफुल कंट्री का एक साथ आना और भारत की उसकी अध्यक्षता करना, यह महत्वपूर्ण दौर है.
लुक ईस्ट के साथ लिंक वेस्ट की पालिसी
वहीं भारत की विदेश नीति में बदलाव को लेकर उन्होंने कहा कि पहले वेस्ट कंट्री के साथ संबंध थे. लेकिन अब अब एक नई ऊर्जा आई है, क्योंकि भारत की विदेश नीति में भी बदलाव आया है. वहीं, वेस्ट के महत्वपूर्ण देश जैसे सऊदी अरेबिया में भी बदलाव आया है. इससे जो सहयोग और अवसर में वृद्धि हुई है. इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा लिंक वेस्ट, पश्चिमी देशों के साथ भारत के मजबूत कनेक्शन होने चाहिए.
अमेरिका से संबंध हुए मजबूत
वही, यूक्रेन वार के बाद अमेरिका और रूस के साथ भारत के संबंधों पर कहा कि भारत की भूमिका बहुत अच्छी रही है. उन्होंने कहा कि भारत के जो इंटरेस्ट और जो बात महत्वपूर्ण है, उसको आगे बढ़ाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अमेरिका के साथ भी बहुत गहरे संबंध बन गया है. प्रधानमंत्री ने अभी बहुत जल्द वाशिंगटन का दौरा किया. जिस तरह से प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत हुआ. उन्हें बहुत ही सम्मानित मेहमान की तरह पेश किया गया. उन्होने कहा कि अमेरिका के साथ जो स्ट्रैटेजिक संबंध है. वह मजबूत हुआ है.
यूक्रेन में वार का सपोर्ट नहीं करते
इसके साथ ही हमें यह भी नहीं भूलना चाहिए कि रशिया के साथ पुराने और गहरे संबंध है. पूर्व विदेश सचिव श्याम सरन ने कहा कि हम यूक्रेन में वार का सपोर्ट नहीं करते हैं , लेकिन रूस के साथ जो संबंध है वह हमारे लिए मायने रखते हैं. वही रशिया ने भी भारत को कई मुद्दों पर खुलकर सपोर्ट किया है. इसलिए उनके साथ भी अच्छे संबंध बनाए रखना हमारे लिए जरूरी है.