Aligarh News: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अरबी विभाग के प्रोफेसर अबू सुफियान वाइस चांसलर की बिना अनुमति के पाकिस्तान पहुंच गए, जिसको लेकर उनकी फजीहत हो गई. यूनिवर्सिटी ने प्रोफेसर को नोटिस जारी कर कारण पूछा है. मामले की फाइल दबा रखने के लिए बाबू को सस्पेंड कर दिया है. पूरा मामला अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अरेबिक डिपार्टमेंट का है.
बिना अनुमति एएमयू प्रोफेसर पाकिस्तान घूम आए… अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में अरबी विभाग के प्रो अबु सूफियान इस्लाही कुलपति की अनुमति के बिना पाकिस्तान घूमने चले गए. डेढ़- दो महिनों के बाद जब भारत वापस आए, तब एएमयू इंतजामिया को इसकी जानकारी हुई. तब इस मामले में एएमयू ने प्रो अबु सूफियान इस्लाही को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. एएमयू का यह नियम है कि विदेश जाने से पहले यूनिवर्सिटी से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना जरूरी होता है. लेकिन प्रोफेसर अबू सुफियान इस्लाही के लिए यूनिवर्सिटी की ओर से कोई भी ऐसा अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी नहीं हुआ था.
एनओसी की फाइल दबाने वाला बाबू सस्पेंड… एएमयू प्रोफेसर अबू सुफियान इस्लाही ने व्यक्तिगत कारणों से पाकिस्तान जाने की अनुमति के लिए रजिस्टर कार्यालय में एक प्रार्थना पत्र दिया था. लेकिन वो कुलपति तक नहीं पहुंच पाया. एएमयू के एक बाबू ने उस फाइल को दबाए रखा था. इसके लिए फाइल को दबाए रखने वाले बाबू को एएमयू ने सस्पेंड कर दिया है.
एएमयू के प्रोफेसर हैं चर्चा में… एमयू के अरबी विभाग के प्रोफेसर अबू सुफियान इस्लाही के साथ-साथ एएमयू के जेएन मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ जितेंद्र कुमार क्लास में आपत्तिजनक पाठ पढ़ाने को लेकर मुकदमा झेल रहे हैं. ईरानी शोध छात्रा के साथ छेड़छाड़ मामले में एएमयू के प्रोफेसर बिलाल मुस्तफा को 1 साल की सजा और 10 हजार रुपए का जुर्माना हुआ.