Aligarh News: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के संस्थापक सर सैयद अहमद खान के 204वें जन्म दिवस पर सर सैयद डे समारोह का वर्चुअल मोड से आयोजन किया गया. फज्र की नमाज के बाद विश्वविद्यालय की मस्जिद में कुरान पाठ किया गया, जिसके बाद कुलपति प्रोफेसर मंसूर ने विश्वविद्यालय के अन्य शिक्षकों और पदाधिकारियों के साथ ‘चादर पोशी’ के पारंपरिक अनुष्ठान के बाद सर सैयद के मजार (कब्र) पर पुष्पांजलि अर्पित की. बाद में कुलपति ने सर सैयद हाउस में मौलाना आजाद पुस्तकालय और सर सैयद अकादमी द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित सर सैयद अहमद खान से संबंधित पुस्तकों और तस्वीरों की ऑनलाइन प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया.
मुख्य अतिथि और भारत के पूर्व मुख्य न्यायधीश जस्टिस टीएस ठाकुर ने कहा कि इतिहास में बहुत कम लोगों ने रूढ़िवादिता तथा अंध विश्वास से लोगों को बाहर निकालने में जीत हासिल की है. ऐसे ही कुछ प्रबुद्ध विचारकों में सर सैयद अहमद खान का नाम भी शामिल है. वहीं, गेस्ट ऑफ ऑनर प्रिंस डॉ. क़ायदजोहर इज़ुद्दीन ने कहा कि इस्लामी परंपरा के अनुसार, ईश्वर ने जो पहली चीज़ बनाई, वह कलम थी और फिर उन्होंने इसे सभी चीजों का भाग्य लिखने की आज्ञा दी. कलम बुद्धि और ईश्वर ने इसे जो ज्ञान दिया है, उसका प्रतिनिधित्व करता है और हमें लेखन और ज्ञान की शक्ति को गले लगाना चाहिए.
Also Read: Aligarh News: डॉक्टर आस्था मर्डर केस में जल्द हो सकती है पति की गिरफ्तारी, पुलिस को मिले कई अहम सुरागसमारोह में एएमयू कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने कहा कि सर सैयद, एक बहुआयामी व्यक्तित्व के स्वामी थे, जिनके कार्यों ने 19वीं सदी के उत्तरार्ध के दौरान इतिहास को बदल दिया. इस युग को कई प्रकार की उथल-पुथल से जाना जाता है. 1857 में विद्रोह को विफल कर दिया गया था. मध्यकालीन सामंती व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी थी और इसके साथ ही आर्थिक व्यवस्था चरमराई हुई थी. इसी बीच, असाधारण प्रतिभा, व्यापक ज्ञान, स्पष्ट दृष्टि और दूरदर्शिता वाले व्यक्ति, सर सैयद अहमद खान ने देशवासियों का मार्गदर्शन किया.
Also Read: Aligarh News: BHMS छात्रा की आत्महत्या मामले में एक छात्र गिरफ्तार, पिता ने शव के पंचनामा पर उठाया सवालपूर्व मुख्य न्यायधीश टी एस ठाकुर ने लंदन विश्वविद्यालय में प्रसिद्ध ब्रिटिश इतिहासकार और दक्षिण एशिया के इतिहास के प्रोफेसर, डॉ. फ्रांसिस क्रिस्टोफर रोलैंड राबिन्सन और प्रख्यात भारतीय सिद्धांतकार, पद्म भूषण और साहित्य अकादमी के पूर्व अध्यक्ष प्रो. गोपीचंद नारंग को क्रमशः अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय श्रेणियों में सर सैयद उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित किया.
इस अवसर पर उत्कृष्ट शोधकर्ता पुरस्कार 2021 , यंग रिसर्चर्स अवार्ड, सर सैयद इंटरफेथ डॉयलाग के नायक विषय पर आयोजित अखिल भारतीय निबंध लेखन प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया. विभिन्न प्रदेशों से स्टेट टॉपर्स को भी पुरस्कृत किया गया.
इस अवसर पर दो पुस्तकों का विमोचन भी किया गया, जिनमें प्रोफेसर आसिम सिद्दीकी, डॉक्टर राहत अबरार तथा डॉक्टर फायजा अब्बासी द्वारा संपादित ‘ए हिस्ट्री ऑफ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (1920-2020)- ए सेंटेनरी पब्लिकेशन तथा हुमा खलील की ‘द एल्योर ऑफ अलीगढ़ः ए पोएटिक जर्नी इन द यूनिवर्सिटी सिटी’ शामिल हैं.
Also Read: Aligarh News: नवंबर महीने से अलीगढ़ शहर में इलेक्ट्रिक बसों का परिचालन, रूट और स्टॉपेज तयसर सैयद डे पर प्रोफेसर हकीम, सैयद जिल्लुर रहमान विश्वविद्यालय कोषाध्यक्ष, मुजीब उल्लाह जुबेरी परीक्षा नियंत्रक, प्रोफेसर मोहम्मद मोहसिन खान वित्त अधिकारी, प्रोफेसर मोहम्मद वसीम अली प्राक्टर, एस.एम. सुरूर अतहर कार्यवाहक रजिस्ट्रार और विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं छात्र ऑनलाइन समारोह में शामिल हुए. प्रो. मुजाहिद बेग डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया जबकि डॉ. फायजा अब्बासी और डॉ. शारिक अकील ने कार्यक्रम का संचालन किया.
रिपोर्ट- चमन शर्मा