Aligarh News: AMU में लेखन के जादूगर प्रोफेसर स्टीफन ने सिखाई लिखने की कला, बताया शोध पत्र कैसे लिखें

एएमयू में आयोजित वेबवार्ता में लेखन के जादूगर प्रोफेसर स्टीफन ने छात्रों को लिखने की कला सिखाई. इस दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका, यमन, मोरक्को, मिस्र, ताइवान, फिलीपींस, न्यू मैक्सिको, दक्षिण एशियाई और मध्य अमेरिकी देशों के 300 से अधिक प्रतिभागी मौजूद रहे.

By Prabhat Khabar News Desk | November 17, 2021 9:06 PM

Aligarh News: लेखन के जादूगर कहलाने वाले प्रख्यात अमेरिकी भाषाविद्, शैक्षिक शोधकर्ता, राजनीतिक कार्यकर्ता और दक्षिण कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में प्रोफेसर एमेरिटस डॉ स्टीफन डी क्रेशेन ने एएमयू में लिखने की कला सिखाई. संयुक्त राज्य अमेरिका, यमन, मोरक्को, मिस्र, ताइवान, फिलीपींस, न्यू मैक्सिको, दक्षिण एशियाई और मध्य अमेरिकी देशों के 300 से अधिक प्रतिभागियों ने लिखने की कला जानी.

‘लेखन के रहस्य’ वेब वार्ता में डॉ स्टीफन डी क्रेशेन ने दिए टिप्स

एएमयू के भाषाविज्ञान विभाग ‘लेखन के रहस्य’ विषय पर वेब वार्ता का आयोजन किया. इसमें डॉ. स्टीफन डी क्रेशेन ने कहा कि आपको जो भी मिल सके, सबसे अच्छी किताबें पढ़ें और उन्हें बार-बार पढ़ने से न डरें. हम अध्ययन से भाषा अर्जित नहीं करते हैं और हम बहुत ज़्यादा लिखने से अच्छे लेखक नहीं बनते हैं. इनपुट मायने रखता है, आउटपुट नहीं. जो हमने लिखा होता है उसे बार-बार पढ़ने और उस में सुधार करने से संभव होता है.

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पीटर एल्बो का कथन सही है कि ‘अर्थ वह नहीं है जिससे आप शुरुआत करते हैं, बल्कि वह है जिससे आप अंत करते हैं’. जो लोग अधिक पढ़ते हैं, वे बेहतर लिखते हैं, वे बेहतर उच्चारण करते हैं, उनके पास बड़ी शब्दावली, बेहतर व्याकरण और अधिक स्वीकार्य योग्य लेखन शैली होती है.

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डॉ. स्टीफन डी क्रेशेन ने नवोदित लेखकों से अच्छे पठन और पुनर्पाठन, मसौदे को संशोधित करने, योजना बनाने और जब भी आवश्यक हो पुनः योजना बनाने, काम के बीच छोटे ब्रेक लेने, दैनिक लेखन, मूल विचारों पर कार्य करने और केवल वह पढ़ने का आग्रह किया, जो पढ़ना चयनित विषय पर लिखने के लिए आवश्यक हो क्योंकि बहुत अधिक पढ़ने से भूलने की आदत भी पड़ जाती है.

शोध पत्र कैसे लिखें

प्रोफेसर स्टीफन ने शोध पत्र लिखने के लिए शुरुआत में ही संक्षिप्त सारांश, निष्कर्ष, निहितार्थ और भविष्य के शोध के साथ मुख्य विचार, सहायक विचारों, प्रक्रिया और निष्कर्षों को स्पष्ट करने का सुझाव दिया. परिचय को छोटा रखने और अस्वीकृति से परेशान न होने की भी सलाह दी. प्रकाशित किए गए सभी डेटा लें और इसका पुनः विश्लेषण करें और आसान उपायों के लिए तैयार रहें.

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रिपोर्ट- चमन शर्मा, अलीगढ़

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