EXCLUSIVE: यूनिफॉर्म-स्वेटर, जूता-मौजा, बैग के लिए 1100 नाकाफी, बाजार में न्यूनतम दाम 1600 रुपए

सरकार बच्चों को 2 जोड़ी यूनिफॉर्म (प्रति जोड़ी 300 रुपए) के हिसाब से 600 रुपए, एक स्वेटर के 200 रुपए, एक जोड़ी जूता और 2 जोड़ी मोजे के लिए 125 रुपए, एक स्कूली बैग के लिए 175 रुपए देगी. इस तरीके से कुल 1100 रुपए प्रति बच्चे के हिसाब से प्रत्येक सत्र में विभाग अभिभावक के खाते में पैसे भेजेगी.

By Prabhat Khabar News Desk | October 23, 2021 3:57 PM

Aligarh News: उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने बेसिक शिक्षा विभाग के उस प्रस्ताव पर मुहर लगाई थी कि अब परिषदीय अशासकीय, सहायता प्राप्त प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को यूनिफॉर्म, स्वेटर, जूता मोजा और स्कूल बैग देने की बजाय रुपए दिए जाएंगे. अब बच्चों के अभिभावक के खाते में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर यानी डीबीटी के माध्यम से 1100 रूपए भेजे जाएंगे.

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सरकार बच्चों को 2 जोड़ी यूनिफॉर्म (प्रति जोड़ी 300 रुपए) के हिसाब से 600 रुपए, एक स्वेटर के 200 रुपए, एक जोड़ी जूता और 2 जोड़ी मोजे के लिए 125 रुपए, एक स्कूली बैग के लिए 175 रुपए देगी. इस तरीके से कुल 1100 रुपए प्रति बच्चे के हिसाब से प्रत्येक सत्र में विभाग अभिभावक के खाते में पैसे भेजेगी.

बाजार में न्यूनतम कीमत 1700 रुपए…

स्कूलों के लिए यूनिफॉर्म, स्वेटर, बैग, जूते-मोजे उपलब्ध कराने वाले डॉ. संजय सिंघल ने प्रभात खबर से हुई बातचीत में इन सभी चीजों का न्यूनतम मूल्य बताया.

  • यूनिफॉर्म:- 400 रुपए प्रति जोड़ी के हिसाब से 800 रुपए

  • स्वेटर:- 250 रुपए

  • स्कूल बैग:- 200 रुपए

  • जूता:- 200 रुपए

  • 2 जोड़ी मौजा:- 25 रुपए प्रति के हिसाब से 50 रुपए

(बाजार में न्यूनतम मूल्य देखें तो 1700 रुपए में सभी चीजें अभिभावकों को मिल पाएंगी)

कक्षा और साइज के हिसाब से बढ़ती हैं कीमतें

अगर बाजार में यूनिफॉर्म, स्वेटर, जूता, मोजा की कीमत देखें तो अलग-अलग क्लास के बच्चों और साइज के हिसाब से दाम बदलती हैं. क्लास और बच्चे का साइज बढ़ता है, इन सभी चीजों की कीमतों में इजाफा दिखता है. इस तरीके से बड़ी क्लास में बच्चों को यह सभी सामान 2000 रुपए से भी ज्यादा का पड़ेगा.

महज 1100 रुपए हैं नाकाफी…

शिक्षाविद् डॉक्टर रक्षपाल सिंह ने कहा कि 1700 रुपए वाली चीजों के लिए केवल 1100 रुपए देना कम है. उससे ज्यादा कहीं अगर यह अभिभावकों के खाते में जाएगा तो उसका सदुपयोग भी होगा या नहीं, क्योंकि अधिकतर देखने में आया है खाते से पैसे निकाल कर अपनी जरुरतों पर खर्च कर देते हैं. सरकार को और अभिभावकों को बच्चों की शिक्षा के प्रति जागरूक होना होगा, पैसों को पढ़ाई में खर्च करना होगा.

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इसके पहले तक ऐसी थी व्यवस्था

परिषदीय, अशासकीय सहायता प्राप्त प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अब तक व्यवस्था थी कि कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों के यूनिफॉर्म, स्वेटर, जूता-मोजा बैग बच्चों को विभाग की ओर से मुफ्त उपलब्ध कराए जाते थे. इसमें सरकार ने भ्रष्टाचार, सामान की गुणवत्ता और समय से सामान उपलब्ध ना होने पर व्यवस्था को परिवर्तित कर इसके एवज में हर छात्र को 1100 सीधे खाते में देने की व्यवस्था की गई है.

(रिपोर्ट: चमन शर्मा, अलीगढ़)

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