अलीगढ़. कोलकाता नाइट राइडर की जीत में अलीगढ़ के रिंकू का बड़ा योगदान रहा . जब टाप आर्डर के बल्लेबाज आउट हो कर वापस लौट रहे थे. तब रिंकू सिंह का बल्ला बोला. एक समय केकेआर की टीम लड़खड़ा गई थी, उसके टॉप ऑर्डर के बैट्समैन आउट होते जा रहे थे. इस बीच रिंकू सिंह ने पारी को संभाला और 46 रन की धुआंधार पारी 33 गेंदों में खेली. जिससे कोलकाता नाइट राइडर्स की टीम ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की टीम को धूल चटाई.
कोलकाता के ईडन गार्डन में केकेआर और आरसीबी का गुरुवार को मैच हुआ. जिसमें आरसीबी ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया. हालांकि शुरुआती तौर पर रॉयल चैलेंजर्स के गेंदबाजों के आगे कोलकाता के बल्लेबाज लड़खड़ा गये. एक समय 89 रन पर 5 विकेट गिर गए थे. जिसके बाद रिंकू सिंह ने संयम से बैटिंग कर स्कोर को सम्मानजनक पहुंचाया. कोलकाता नाइट राइडर्स ने 7 विकेट खोकर 20 ओवरों में 204 रन बनाए. जिसमें रिंकू सिंह ने 46 रन की पारी खेली. वही रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु 123 रन ही बना सकी और हार गई.
कोलकाता नाइट राइडर्स की तरफ से बल्लेबाज रिंकू सिंह ने अपने बल्लेबाजी का जौहर दिखाया. कोलकाता नाइट राइडर्स की जीत के बाद अलीगढ़ में उनके प्रशंसकों ने खुशी का इजहार किया. रिंकू सिंह के कोच मसूद अमीनी ने बताया कि उसने बहुत अच्छी बैटिंग की. मैच्योर इनिंग्स खेली है . आगे भी ऐसा ही खेलता रहेगा. उन्होंने कहा कि जिस अंदाज में खेल रहा है एक दिन टीम इंडिया के लिए भी खेलेगा. मसूदा अमीनी ने बताया कि रिंकू सिंह लेफ्ट हैंड बल्लेबाज है और ऑफ साइड में अच्छा खेलता है.
रिंकू सिंह एक गरीब परिवार के बैकग्राउंड से आते हैं रिंकू सिंह ने अपने जीवन में आर्थिक दिक्कतों का सामना किया. पांच भाई बहनों में रिंकू तीसरे नंबर पर है. रिंकू के पिता गैस सिलेंडर डिलीवरी का काम करते है. जबकि एक भाई ऑटो चलाता .है रिंकू का जन्म 12 अक्टूबर 1997 को अलीगढ़ में हुआ था. एक समय रिंकू सिंह ने क्रिकेट छोड़ नौकरी का फैसला किया था. कम पढ़ा लिखा होने के चलते उसे झाड़ू पोछा लगाने का काम मिला था. लेकिन यह काम रास नहीं आया और नौकरी छोड़कर क्रिकेट में कैरियर बनाने की ठान ली.
हालांकि शुरुआत में पिता ने क्रिकेट खेलने से रोका, लेकिन जब रिंकू दिल्ली के टूर्नामेंट में बाइक जीती , तो पिता ने भी उसे आगे बढ़ाया. 2022 में रिंकू सिंह को केकेआर ने 55 लाख में खरीदा था. वहीं बीसीसीआई ने 2019 में रिंकू सिंह पर BAN भी लगाया था. उस समय रिंकू बीसीसीआई की बिना अनुमति के आबू धाबी खेलने चले गए थे. आज रिंकू सिंह ने अपने हौंसले और मेहनत के बल पर क्रिकेट की बुलंदियों पर पहुंचे है.