Aligarh News: तारिक को किसने मारी गोली…रहस्य से नहीं उठ पाया पर्दा, भाजपा नेता समेत 3 आरोपी हुए बरी
Aligarh News: अलीगढ़ के चर्चित तारिक हत्याकांड में तीनों आरोपितों को साक्ष्य और गवाहों के अभाव में अदालत ने रिहा तो कर दिया. परंतु मोहम्मद तारिक को गोली किसने मारी, यह सवाल अभी भी बरकार है.
Aligarh News: अलीगढ़ के चर्चित तारिक हत्याकांड में तीनों आरोपितों को साक्ष्य और गवाहों के अभाव में अदालत ने रिहा तो कर दिया. परंतु मोहम्मद तारिक को गोली किसने मारी, यह सवाल अभी भी बरकार है. जबकि पोस्टमार्टम में पीठ में गोली लगने की पुष्टि हुई थी. 23 फरवरी 2020 को नागरिक संशोधन अधिनियम के विरोध में हुए प्रदर्शन के दौरान बाबरी मंडी के बवाल में मोहम्मद तारिक को गोली लगी थी.
इसमें वादी पक्ष की ओर से 4 गवाह पेश किए गए थे. जिसमें मुकदमा दर्ज करने वाला तारिक के भाई शारिक, तारिक के पिता मुनव्वर, भाभी सईदा और पत्नी इस मामले में गवाह थे. भाई शारिक, भाभी सईदा और पत्नी चश्मदीद गवाह थे. वादी पक्ष के तीनों चश्मदीद गवाहों ने अदालत में एफआईआर का समर्थन नहीं किया और कहा कि जिस वक्त तारिक को गोली लगी. तब तीनो लोग नीचे खड़े हुए थे और तारिक़ ऊपर छत पर थे. पिता मुनव्वर ने बयान दिया था कि जब यह घटना हुई, तब वह फैक्टरी पर थे, वहां उन्हें तारिक के गोली लगने की सूचना मिली.
Also Read: UP News: राज बब्बर को 26 साल पहले लखनऊ में चुनाव अधिकारी से की थी मारपीट, कोर्ट ने अब सुनायी सजा
घायल तारिक ने कहा था, विनय ने मारी गोली… छत पर खड़े तारिक को गोली लगने के बाद उनके भाई शारिक बाइक पर ले जाने लगे थे, तभी रास्ते में एसएसपी मुनिराज जी ने उन्हें रोका और पूछा कि क्या हुआ ? शारिक ने बताया था कि तारिक को गोली लगी है. तभी एसएसपी ने सरकारी वाहन बुलाकर तारिक को अस्पताल पहुंचाया था. उसी दौरान तारिक ने बताया था कि विनय ने गोली मारी है.
पेट में लगी थी गोली…. सीए, एनआरसी के विरोध में हुए प्रदर्शन के दौरान तारिक को पीठ में गोली लगी थी. अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज में तारिक का उपचार चला. पीठ में फंसी हुई गोली को डॉक्टर नहीं निकाल पाए. उपचार के दौरान ब्रेन में क्लॉटिंग हुई, जिसके कारण 13 मार्च को रात में तारिक की तबीयत बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई. जेएन मेडिकल कॉलेज के चिकित्सक अधीक्षक डॉ एच हारिश ने तारिक के मौत की पुष्टि भी की थी.
तारिक को गोली किसने मारी… तारिक हत्याकांड में तीनों आरोपी विनय वार्ष्णेय, त्रिलोकी, सुरेंद्र वार्ष्णेय को साक्ष्य एवं गवाहों के अभाव में मामले से बरी कर दिया गया. फिर भी यह रहस्य, रहस्य ही बना रह गया कि आखिर मोहम्मद तारिक को गोली किसने मारी थी, जो कि एक जांच का विषय है.