कोरोना से जंग : राज्य सरकार ने भी कोरोना के संभावित खतरे को देखते हुए झारखंड में काेरोना वायरस रेगुलेशन 2020 लागू कर दिया है. शिक्षण संस्थानों, सिनेमा हॉल और क्लब जैसे सभी सार्वजनिक स्थानों को सावधानी के तौर पर 17 मार्च से 14 अप्रैल तक बंद कर दिया गया है. धार्मिक स्थलों पर भी सरकार ने भीड़ नहीं करने का अनुरोध किया है. काेरोना के संदिग्ध व्यक्ति की जांच का जिम्मा जिलों के उपायुक्तों को सौंपा गया है. सभी मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड तैयार कर दिया गया है. अफवाहों पर लगाम रखने के लिए किसी भी संस्थान, संस्था, व्यक्ति और मीडिया को कोरोना वायरस से संबंधित मामले को बिना अनुमति के प्रचारित या प्रसारित नहीं करने का आदेश जारी किया गया है.
रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को सदन को राज्य सरकार द्वारा कोरोना के मद्देनजर उठाये जा रहे कदमों की जानकारी दी. भोजनावकाश के बाद अनुदान मांग की चर्चा बीच में रोक कर विधानसभा अध्यक्ष ने कोरोना वायरस के मद्देनजर लिये गये सरकार के निर्णय की जानकारी देने का आग्रह मुख्यमंत्री से किया. मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने बताया कि राज्य सरकार इसको लेकर गंभीर है. सरकार पूर्व से कई प्रयास कर रही है. सभी मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है. पीएसयू के अस्पतालों को भी आइसोलेशन वार्ड बनाने का कहा गया है. कोरोना की जांच सरकारी अस्पतालों में ही हो सकती है. अभी एमजीएम जमशेदपुर में शुरू किया गया है. रांची में जल्द शुरू होगी. पांचों प्रमंडलों में लैब की स्थापना होगी.
सरकार ने कुछ प्रखंडों को चिह्नित किया है. इन प्रखंडों के लोग बाहर काम के लिए जाते हैं. इन जिलों में भी जांच की सुविधा जल्द बहाल कर दी जायेगी. 300 चिकित्सक व पारा मेडिकल स्टॉफ को प्रशिक्षित किया जा रहा है. यह काम भी 20 मार्च तक हो जायेगा. इस वायरस को एपिडमिक डिजिज एक्ट के तहत लाया गया है. इसके मद्देनजर सरकार ने आदेश जारी कर दिया है. सभी डीसी को संदिग्ध व्यक्ति की जांच कराने का अधिकार दिया गया है. जांच नहीं करानेवालों पर कार्रवाई भी होगी. इस समस्या से निपटने के लिए सरकार ने भी अभी 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है.
धार्मिक स्थलों के लिए जारी की जायेगी सलाह
श्री सोरेन ने कहा कि कोरोना वायरस को लेकर धार्मिक स्थलों पर सरकार ने कोई निर्देश नहीं दिया है. यह राजनीतिक मुद्दा बन सकता है. इस कारण सरकार ने सभी धार्मिक स्थलों से आग्रह किया है कि कम से कम भीड़ होने दें. लोगों को इस वायरस को लेकर जागरूक करें. कई राज्यों में धार्मिक स्थलों पर भीड़ करने का प्रयास किया जा रहा है.
488 व्यक्ति अब तक लौटे हैं विदेश से
श्री सोरेन ने बताया कि कोरोना वायरस संबंधी मामला प्रकाश में आने के बाद 488 व्यक्ति विदेशों से लौटे हैं. इन पर सरकार नजर रख रही है. इसमें 175 लोगों की जांच हुई है. इनमें किसी में कोरोना वायरस के लक्षण नहीं पाये गये हैं. बाकी लोगों की जांच हो रही है.
सरकार के फैसले : सरकार है सजग राजनीति न करे विपक्ष
सरकार इस आपदा से निपटने के लिए सजग है. विपक्षी दल राजनीति नहीं करें. दुनिया में फैली इस महामारी को सरकार राजनीतिक रूप नहीं देना चाहती. सरकार इस गंभीर संकट को लेकर चिंतित है. सरकार आपके द्वार कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया. -हेमंत सोरेन, मुख्यमंत्री
तय कार्यक्रम के तहत होगी 10वीं व 12वीं की परीक्षा
कोरोना वायरस को लेकर मुख्यमंत्री ने सोमवार को सभी स्कूलों को बंद करने की घोषणा की है. वहीं सीबीएसई के क्षेत्रीय को-ऑर्डिनेटर डॉ मनोहर लाल ने कहा कि 10वीं और 12वीं की परीक्षा पूर्व निर्धारित तिथि व समय के अनुसार ही होगी.
परीक्षाएं व मूल्यांकन कार्य रहेंगे जारी, छात्रावास बंद
सभी निजी व सरकारी संस्थानों के छात्रावासों को तत्काल प्रभाव से 14 अप्रैल तक बंद करने का आदेश जारी किया गया है. सरकारी शिक्षण संस्थान भी बंद कर दिये गये हैं. लेकिन, संस्थानों के शिक्षकों व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को कार्यावधि में उपस्थिति दर्ज करानी होगी. तत्कालिक व्यवस्था के तहत कर्मी उपस्थिति पंजी पर उपस्थिति दर्ज करायेंगे. मुख्य सचिव डॉ डीके तिवारी के निर्देश पर उच्च तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के प्रधान सचिव शैलेश कुमार सिंह ने इससे संबंधित आदेश जारी किया है. इस अवधि में पूर्व से निर्धारित परीक्षाएं एवं परीक्षा का मूल्यांकन कार्य जारी रहेंगे.
परीक्षा से पहले परीक्षा कक्षों की उचित साफ-सफाई व बेंच एवं कुर्सी को उचित तरीके से डिसइन्फेक्टेड करने की व्यवस्था शिक्षण संस्थाओं द्वारा की जाये.
जांच में सहयोग नहीं करने पर जा सकते हैं जेल
झारखंड सरकार ने राज्यपाल के आदेश पर झारखंड राज्य कोरोना वायरस रेगुलेशन 2020 जारी कर दिया है. इसका नाम द झारखंड स्टेट इपिडेमिक डिजिज (कोविद-19) रेगुलेशन 2020 रखा गया है. यह रेगुलेशन 16 मार्च 2020 की तिथि से प्रभावी कर दिया गया है. इसके तहत अब किसी भी कोरोना वायरस के संदिग्ध व्यक्ति को जांच में पूरी तरह सहयोग करना होगा.
उपायुक्त को अधिकार दिया गया है कि वे संदिग्ध व्यक्ति को जांच के लिए जबरन आइसोलेेशन सेंटर भेज सकते हैं. अगर वह व्यक्ति जांच में सहयोग नहीं करता है, तो उस पर कानूनी कार्रवाई करने का अधिकार संबंधित उपायुक्त को दिया गया है. इस रेगुलेशन का उल्लंघन करनेवाले व्यक्ति के विरुद्ध सजा का प्रावधान भी रखा गया है. इसके तहत संबंधित व्यक्ति को एक हजार रुपये जुर्माना या फिर छह माह की जेल या फिर दोनों (जुर्माना व जेल) हो सकती है.
रेगुलेशन के मुताबिक, कोरोना वायरस से संबंधित सैंपल की जांच कोई भी निजी प्रयोगशाला नहीं करेगा. कोरोना वायरस सैंपल की जांच सिर्फ सरकार द्वारा निर्धारित प्रयोगशाला में ही होंगे. ऐसे सभी सैंपल को एकत्रित कर सरकार द्वारा अधिकृत प्रयोगशाला में ही जांच की जायेगी. इसके अलावा किसी भी प्राइवेट व सरकारी डॉक्टर, निजी अस्पताल में काम करनेवाले डॉक्टर और आयुष डॉक्टर को अब शपथ पत्र के माध्यम से बताना होगा कि उन्होंने कब अौर किसलिए देश में कहां-कहां भ्रमण किया है.
वह इसका पूरा ब्योरा देंगे. ब्योरा राज्य के स्वास्थ्य विभाग के पास जमा करना है. इस रेगुलेशन के मुताबिक अब कोई भी संस्थान, संस्था, मीडिया (प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक) और सोशल मीडिया पर कोरोना वायरस से संबंधित तथ्यहीन या गलत मामला या अन्य कोई मामला बिना अनुमति के प्रकाशित या प्रसारित नहीं किया जायेगा, ताकि लोगों के बीच भ्रम या फिर अफवाह नहीं फैले. सरकार ने सभी शिक्षण संस्थानों को भी रेगुलेशन का पालन करने का निर्देश दिया है.