Prayagraj News: हाईकोर्ट का बड़ा आदेश, मृतक आश्रित कोटे में विवाहित बेटी को भी नौकरी पाने का अधिकार

हाईकोर्ट ने एक विवाहित बेटी की नौकरी से जुड़े मामले पर सुनवाई करते हुए बड़ा आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा है कि मृतक आश्रित कोटे में विवाहित बेटी को भी नौकरी पाने का अधिकार है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 27, 2021 12:23 PM
an image

Prayagraj News: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अपील की सुनवाई के दौरान मृतक आश्रित कोटे में नियुक्ति पाने वालों को बड़ी राहत दी है. यह आदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की बेंच ने दिया है. साथ ही सहारनपुर की पूजा सिंह के पक्ष में एकलपीठ के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार की विशेष अपील को खारिज कर दिया है.

आश्रित कोटे में नियुक्ति की दी थी अर्जी

दरअसल, याची पूजा के पिता स्वास्थ्य विभाग में श्रम निरीक्षक के पद पर कार्यरत थे. नौकरी के दौरान ही उनकी मृत्य हो गई. याची उस समय नाबालिग थी. याची ने बालिग होने पर आश्रित कोटे में नियुक्ति की अर्जी दी. नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने में करीब छह वर्ष का समय लग गया. इस दौरान याची की शादी हो गई.

तथ्य छिपाने के आरोप में की सेवा समाप्त

याची को 4 नवंबर 2006 को मृतक आश्रित कोटे में नियुक्ति दी गई. इसके बाद याची को विवाहिता पुत्री होने का तथ्य छिपाकर नियुक्ति प्राप्त करने के आधार पर 15 साल की सेवा के बाद नियुक्ति निरस्त कर दी गई. कोर्ट ने याची पूजा को राहत देते हुए कहा कि जब याची ने अर्जी दी थी, तब वह विवाहिता नहीं थी. नियुक्ति देने के समय तक विवाहित हो चुकी थी. यह नहीं कह सकते कि याची ने तथ्य छिपाया है.

Also Read: Prayagraj News: गोहरी हत्याकांड को लेकर प्रियंका का योगी सरकार पर फूटा गुस्सा, घटना को सुन कांप उठेगी रूह!
विवाहित बेटी को भी नियुक्ति पाने का अधिकार है- कोर्ट

दो जजों की खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश को सही माना. कोर्ट ने सेवा समाप्ति आदेश को निरस्त किया. एकलपीठ के फैसले के खिलाफ सरकार की विशेष अपील पर हस्तक्षेप से इंकार कर दिया है. साथ ही अपील को भी खारिज कर दिया है. कोर्ट ने विवाहिता बेटी को भी मृतक आश्रित परिवार में शामिल करने का फैसला देते हुए कहा विवाहित बेटी को भी नियुक्ति पाने का अधिकार है.

रिपोर्ट- एस के इलाहाबादी

Exit mobile version