इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, आपराधिक केस में बरी पुलिस भर्ती में चयनित याची की नियुक्ति का निर्देश

इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) ने 2008 पुलिस भर्ती में चयनित व आपराधिक मामले में बरी याची को 8 सप्ताह के भीतर नागरिक पुलिस कांस्टेबल पर नियुक्ति करने का आदेश दिया है.

By Prabhat Khabar News Desk | April 27, 2022 7:26 AM

प्रयागराज : इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) ने 2008 पुलिस भर्ती में चयनित व आपराधिक मामले में बरी याची को 8 सप्ताह के भीतर नागरिक पुलिस कांस्टेबल पर नियुक्ति करने का आदेश दिया है. यह आदेश जस्टिस सौरभ श्याम शमशेरी ने वाराणसी के रंजीत यादव की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है. कोर्ट ने कहा कि याची अवतार सिंह केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का लाभ पाने का हकदार है.

कोर्ट ने पुलिस अधीक्षक ग्रामीण वाराणसी के आदेश को किया रद्द

कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए आपराधिक जानकारी छुपाने के आधार पर याची रंजीत यादव की पुलिस अधीक्षक ग्रामीण वाराणसी द्वारा पुलिस भर्ती 2008 में चयनित होने के बाद नियुक्ति देने से इनकार करने के आदेश को रद्द कर दिया है. याची के अधिवक्ता कमल सिंह यादव ने मामले में बहस करते हुए कहा कि याची 2008 पुलिस भर्ती परीक्षा में चयनित हुआ था. लेकिन अपराधिक मामला दर्ज होने के कारण याची को नियुक्ति नहीं दी गई.

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याची के अधिवक्ता का कहना था कि याची के खिलाफ वाराणसी के चौबेपुर थाने में दर्ज मारपीट के मामले में उसे कोई समन प्राप्त नहीं हुआ था. साथ ही इस मामले में दोनों पक्षों में आपसी समझौता हो गया है. कोर्ट ने याची के अधिवक्ता की दलील और अभियोजन पक्ष द्वारा संदेह के आधार पर याची पर लगे आरोप सिद्ध न कर पाने के कारण, अवतार सिंह केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए 8 सप्ताह के भीतर पुलिस नागरिक कांस्टेबल के पद पर नियुक्ति देने का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि याची नियुक्ति पाने का हकदार है.

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