उत्तर प्रदेश में एक भी राशन कार्ड धारकों को राशन नहीं देना डीलरों को भारी पड़ सकता है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि अगर कोई कार्ड धारक आरोप लगाता है, तो उसकी शुरूआती जांच के बाद सरकार लाइसेंस रद्द कर सकती है. कोर्ट ने इस संबंध में आई एक याचिका को खारिज कर दिया.
रिपोर्ट के मुताबिक इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि राशन नहीं देने के मामले में विभागीय कार्रवाई में पूरी रिपोर्ट का तर्क सही नहीं है. कोर्ट ने कहा है कि शासन ने जो लाइसेंस रद्द का फैसला किया है, वो सही है. कोर्ट ने कहा है कि एक भी राशन कार्ड धारी को राशन नहीं देने पर डीलरों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि देश में जीवन जीने के अधिकार में भोजन का अधिकार भी शामिल हैं. केंद्र सरकार ने गरीबों व गरीबी रेखा से ऊपर के लोगों को राशन कार्ड के जरिए सस्ते दाम पर खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराने की योजना बनाकर लोगों को राहत दी है. अगर डीलर लोगों को राशन देने से आनाकानी करते हैं, तो उनपर कार्रवाई हो सकती है.
बताते चलें कि केंद्र सरकार ने कोरोना को देखते हुए लोगों को राहत देते हुए दिवाली तक फ्री राशन देने का ऐलान किया है. इस के तहत गरीब लोगों को 5 किलो खाद्यान्न राशन मुफ्त (Free 5Kg Ration) में उपलब्ध कराया जा रहा है. यह सुविधा गरीब परिवार वालों के पास राशन कार्ड है, उन्हें गेहूं, चावल, दाल, चीनी और मिट्टी के तेल की खरीद पर सब्सिडी सरकार की ओर से दी जाती है.