Prayagraj: दो लड़कियों ने की अपनी समलैंगिक शादी को मान्यता देने की मांग, हाईकोर्ट ने सुनाया ये फैसला
Prayagraj News: कोर्ट के समक्ष याची के अधिवक्ता ने दलील देते हुए कहा की समलैंगिक विवाह भारतीय संस्कृति और सभ्यता के खिलाफ है. समलैंगिक शादी को किसी कानून में मान्यता नहीं दी गई है. साथ ही इसके जरिए परिवार भी नहीं बढ़ाया जा सकता.
Prayagraj News: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने समलैंगिक विवाह को मान्यता देने की दो किशोरियों की मांग अस्वीकार कर दी है. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई के दौरान 2 लड़कियों को समलैंगिक विवाह करने की अनुमति देने से इंकार कर दिया. यह आदेश हाईकोर्ट जस्टिस शेखर यादव की सिंगल बेंच ने लड़की की मां की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया.
वहीं इस संबंध में कोर्ट के समक्ष याची के अधिवक्ता ने दलील देते हुए कहा की समलैंगिक विवाह भारतीय संस्कृति और सभ्यता के खिलाफ है. समलैंगिक शादी को किसी कानून में मान्यता नहीं दी गई है. साथ ही इसके जरिए परिवार भी नहीं बढ़ाया जा सकता. ऐसे में लड़किया बच्चे को जन्म नहीं दे सकेंगी. साथ इसका समाज पर बुरा असर भी पड़ेगा.
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लड़की की मां ने हाईकोर्ट में दाखिल की थी बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका
दरअसल प्रयागराज के अतरसुइया थाना क्षेत्र की रहने वाली अंजू देवी ने हाईकोर्ट ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल करते हुए मांग की थी कि उसकी बेटी बालिग है. उसे विपक्षी लड़की ने अवैध रूप से अपने कब्जे में कर रखा है. मां ने कोर्ट से लड़की को मुक्त कराने की अपील की थी उसने विपक्षी लड़की के कब्जे से मुक्त कराने की हाईकोर्ट से मांग की थी. वहीं लड़कियों ने कोर्ट के समझ कहा कि वह दोनों बालिग हैं. और आपसी सहमति से समलैंगिक शादी की है. हालांकि कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए समलैंगिक शादी को मंजूरी देने से इनकार कर दिया.