इलाहाबाद हाईकोर्ट ने PM मोदी पर टिप्पणी मामले में Whatsapp ग्रुप एडमिन को राहत देने से किया इनकार

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीएम मोदी पर व्हाट्सएप ग्रुप में टिप्पणी करने के मामले में दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद याची को राहत देने से इंकार करते हुए याचिका खारिज कर दी. कोर्ट ने कहा कि याची ग्रुप का एडमिन है और गलत संदेश देने के लिए वह भी जिम्मेदार है.

By Prabhat Khabar News Desk | March 3, 2022 11:28 AM
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Prayagraj News: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सोशल मीडिया पर टिप्पणी करने के मामले में दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए याची को राहत देने से इनकार कर दिया. दरअसल, पुलिस ने याची द्वारा बनाए गए ग्रुप में प्रधानमंत्री की रूपांतरित फोटो डालने के मामले में IT एक्ट की धारा 66 के तहत याची के खिलाफ अपराधिक मुकदमा दर्ज कर कारवाई की थी, जिसे याची ने हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए रद्द कर करने की मांग की थी. जस्टिस मोहम्मद आलम ने याचिका पर सुनवाई करते हुए रद्द कर दिया.

याची ने आपराधिक मामले को रद्द करने की लगायी गुहार

याची इमरान का कहना था कि वह ग्रुप एडमिन है. उसके द्वारा प्रधानमंत्री की रूपान्तरित फोटो ग्रुप में नहीं डाली गई. फोटो ग्रुप के एक सदस्य निजाम आलम ने डाला था. इमरान ने याचिका के माध्यम से हाईकोर्ट से अपने खिलाफ आईटी एक्ट के तहत दर्ज आपराधिक मामले को रद्द करने की गुहार लगायी थी.

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सरकारी अधिवक्ता ने बचाव में दी दलील

वहीं, सरकारी अधिवक्ता ने कोर्ट के समक्ष दलील देते हुए कहा कि याची ग्रुप का एडमिन है. इस नाते वह ग्रुप का सह-व्यापक (को- एक्सटेंसिव) सदस्य है, जिस कारण यह नहीं कहा जा सकता की याची ने धारा-66 IT एक्ट के अन्तर्गत अपराध नहीं किया है.

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याची भी गलत संदेश देने का है जिम्मेदार

हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद याची को राहत देने से इंकार करते हुए याचिका खारिज कर दी. कोर्ट ने कहा कि याची ग्रुप का एडमिन है और गलत संदेश देने के लिए वह भी जिम्मेदार है.

रिपोर्ट- एस के इलाहाबादी, प्रयागराज

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