Varanasi News: पैसे के अभाव में छात्रा नहीं ले सकी एडमिशन, योग्यता से प्रभावित जज ने भरी फीस, दिए ये निर्देश

bhu IIT में दाखिले से वंचित रह गयी छात्रा के मामले की सुनवाई करते हुए जज ने बड़ा फैसला दिया है. जज ने छात्रा की योग्यता से प्रभावित होकर न सिर्फ पैसे भरे बल्कि तीन दिन में एडमिशन देने के निर्देश दिए.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 30, 2021 11:36 AM
an image

Varanasi News: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने एक दलित मेधावी छात्रा के हित में बड़ा फैसला सुनाया. कोर्ट ने न्याय करते हुए न सिर्फ उसकी फीस भरी बल्कि IIT-BHU को छात्रा के प्रवेश के लिए आदेश भी दिया है. जस्टिस दिनेश कुमार सिंह ने मामले में त्वरित फैसला लेते हुए छात्रा के भविष्य के हित में निर्णय लिया है.

जज ने भरी छात्रा की फीस

दरअसल, हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के जस्टिस दिनेश कुमार सिंह ने छात्रा संस्कृति रंजन की याचिका पर सुनवाई की. उन्होंने छात्रा की योग्यता से प्रभावित होकर अपनी जेब से बतौर 15 हजार रुपए न सिर्फ उसकी फ़ीस भरी बल्कि bhu IIT में दाखिले से वंचित रह गयी छात्रा को IIT-BHU में प्रवेश के लिए आदेश भी दिया है. छात्रा गरीबी के कारण समय पर फीस नहीं जमा कर पाई थी, जिस कारण वह IIT में दाखिले से वंचित रह गई थी.

छात्रा को तीन दिन के अंदर दाखिला देने के निर्देश

कोर्ट ने ज्वाइंट सीट अलॉकेशन अथॉरिटी और IIT-BHU को भी निर्देश दिया कि छात्रा को तीन दिन के अंदर दाखिला दिया जाए. यदि सीट खाली न रह गई हो तो उसके लिए अलग से सीट की व्यवस्था की जाए. छात्रा अत्यंत मेधावी है, इस बात का प्रमाण उसके ऐकडेमिक रिकॉर्ड बता रहे हैं. छात्रा ने 10वीं की परीक्षा में 95.6 प्रतिशत और 12वीं में 94 प्रतिशत अंक हासिल किए थे.

Also Read: Varanasi News: सीएम योगी ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण कार्यों का लिया जायजा, मंदिर में की पूजा-अर्चना
पैसे के अभाव में नहीं ले सकी थी एडमिशन

इसके अलावा छात्रा ने JEE की परीक्षा के मेन्स में 92.77 प्रतिशत अंक प्राप्त करते हुए एससी श्रेणी में 2062 रैंक हासिल किया. इसके बाद वह जेईई एडवांस की परीक्षा में शामिल हुईं, जिसमें 15 अक्टूबर 2021 को सफल घोषित की गई और उनकी रैंक 1469 आई. इसके बाद IIT-BHU में उसे गणित और कंप्यूटर से जुड़े पांच वर्षीय कोर्स में सीट आवंटित की गई. हालांकि, वह एडमिशन के लिए 15 हजार की व्यवस्था नहीं कर सकी और डेट निकल गई.

Also Read: Varanasi News: BHU को दुनिया के शीर्ष विवि की सूची में आगे लाना चाहते हैं नए कुलपति, कही ये बात

छात्रा के पिता की खराब है किडनी

छात्रा आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण एक वकील का भी इंतजाम नहीं कर सकी थी. हाईकोर्ट के कहने पर एडवोकेट सर्वेश दुबे और समता राव ने छात्रा का पक्ष रखने में कोर्ट का सहयोग किया. उसने अपने पक्ष में फैसला आने के बाद पैसे जुटाने के लिए कोर्ट से समय मांगा था, जिसके बाद जस्टिस ने छात्रा की योग्यता को देखते हुए स्वय उसकी फ़ीस भरते हुए प्रोत्साहित किया. छात्रा संस्कृति रंजन के पिता की किडनी खराब है. उनका किडनी ट्रांसप्लांट होना है।

रिपोर्ट- विपिन सिंह

Exit mobile version