13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

DeepFake बनानेवाले के साथ उसे प्रसारित करने वाले प्लेटफार्म पर भी होगी कार्रवाई, यह है सरकार का प्लान

सोशल मीडिया मंच, नैसकॉम और कृत्रिम मेधा (AI) के क्षेत्र के अन्य प्रोफेसर सहित विभिन्न हितधारकों के साथ बैठक के बाद उन्होंने कहा, डीपफेक लोकतंत्र के लिए एक नया खतरा बनकर उभरा है. ये समाज और उसके संस्थानों में विश्वास को कमजोर कर सकते हैं.

केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने डीपफेक को लोकतंत्र के लिए खतरा करार देते हुए कहा कि सरकार इस बारे में नए नियम लाने की तैयारी कर रही है. इसके तहत ‘डीपफेक’ बनाने वालों और संबंधित मंचों दोनों पर जुर्माना लगाया जा सकेगा. ‘डीपफेक’ में कृत्रिम मेधा (एआई) का इस्तेमाल करते हुए किसी तस्वीर या वीडियो में मौजूद व्यक्ति की जगह किसी दूसरे को दिखा दिया जाता है. इसमें इतनी समानता होती है कि असली और नकली में अंतर करना काफी मुश्किल होता है. हाल ही में, बॉलीवुड के कई कलाकारों को निशाना बनाने वाले कई ‘डीपफेक’ वीडियो सोशल मीडिया मंच पर आए. इसपर कई लोगों ने नाराजगी जाहिर की. इससे नकली सामग्री बनाने के लिए प्रौद्योगिकी तथा उपकरणों के दुरुपयोग को लेकर भी कई सवाल खड़े हुए हैं.

भारत में 80 करोड़ से अधिक इंटरनेट उपयोगकर्ता

सोशल मीडिया मंच, नैसकॉम और कृत्रिम मेधा (AI) के क्षेत्र के अन्य प्रोफेसर सहित विभिन्न हितधारकों के साथ बैठक के बाद उन्होंने कहा, डीपफेक लोकतंत्र के लिए एक नया खतरा बनकर उभरा है. ये समाज और उसके संस्थानों में विश्वास को कमजोर कर सकते हैं. वैष्णव ने कहा कि सरकार 10 दिन के भीतर चार स्तंभों… ‘डीपफेक’ का पता लगाने, ऐसी सामग्री के प्रसार को रोकने, इसकी सूचना देने के तंत्र को मजबूत करने और मुद्दे पर जागरूकता फैलाने पर कार्रवाई योग्य कदम उठाएगी. उन्होंने कहा कि बैठक में मौजूद सभी हितधारकों ने ‘डीपफेक’ के संबंध में समान चिंताएं जाहिर कीं. मंत्री ने कहा, सभी सोशल मीडिया मंच ‘डीपफेक’ का पता लगाने के लिए व्यापक प्राद्योगिकी के इस्तेमाल पर सहमत हुए. भारत में 80 करोड़ से अधिक इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं, जिनके दो वर्षों में 120 करोड़ से अधिक होने का अनुमान है.

Also Read: IRCTC Down: रेलवे की ई-टिकट वेबसाइट टेक्निकल ग्लिच के चलते हुई डाउन, इन ऐप्स का कर सकते हैं इस्तेमाल
डीपफेक बिना किसी रोक-टोक तेजी से फैल जाए

वैष्णव ने कहा कि ‘डीपफेक’ विज्ञापन या भ्रामक प्रचार एक खतरा है जिसका भारतीय समाज वर्तमान में सामना कर रहा है. उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा, सोशल मीडिया का उपयोग यह सुनिश्चित करता है कि ‘डीपफेक’ बिना किसी रोक-टोक तेजी से फैल जाए. यही कारण है कि हमें समाज और हमारे लोकतंत्र में विश्वास को मजबूत करने के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी पिछले सप्ताह आगाह किया था कि एआई से बनाए गए ‘डीपफेक’ बड़े संकट का कारण बन सकते हैं. समाज में असंतोष उत्पन्न कर सकते हैं. उन्होंने मीडिया से इसके दुरुपयोग को लेकर जागरूकता बढ़ाने और लोगों को शिक्षित करने का आग्रह भी किया था.

डीपफेक के मुद्दे पर अगली बैठक दिसंबर के पहले सप्ताह में

वहीं, वैष्णव ने आगाह किया था कि अगर मंच ‘डीपफेक’ को हटाने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाते हैं, तो उन्हें आईटी अधिनियम के तहत वर्तमान में जो ‘सुरक्षित हार्बर प्रतिरक्षा’ मिली है, वह नहीं दी जाएगी. हितधारकों के साथ बैठक के बाद उन्होंने कहा कि ‘डीपफेक’ वीडियो निर्माताओं ने ‘लेबलिंग’ और ‘वॉटरमार्क’ का भी तोड़ निकाल लिया है. मंत्री ने कहा, इसलिए कुछ ऐसा रास्ता निकालने की जरूरत है जिससे इससे निपटा जा सके. उन्होंने कहा, सभी कंपनियों ने चिंताएं साझा कीं. वे समझ गए हैं कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं है, यह बहुत हानिकारक है… उन्होंने कडे़ विनियमन की आवश्यकता को भी समझा. मंत्री ने कहा, समाज में विश्वास को मजबूत रखने और हमारे लोकतंत्र की रक्षा के लिए कुछ बेहद जरूरी कदम उठाए जाने की आवश्यकता है. इस दिशा में जल्द से जल्द कदम उठाने की जरूरत है, चाहे वह कानूनी, नियामक या प्रौद्योगिकी कार्रवाई हो हमें हर तरह का कदम उठाने की जरूरत है. ‘डीपफेक’ के मुद्दे पर अगली बैठक दिसंबर के पहले सप्ताह में होगी.

Also Read: Cyber Fraud की रोकथाम के लिए लोगों की जागरूकता जरूरी, वित्त मंत्री सीतारमण ने कही यह बात

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें