Prayagraj News: दिल्ली में आंदोलित जूनियर डॉक्टर्स के साथ अभद्रता के विरोध व पीजी की काउंसिलिंग की मांग को लेकर स्वरूप रानी हॉस्पिटल में तीसरे दिन भी रेजिडेंट डॉक्टरों का प्रदर्शन जारी रहा. विरोध प्रदर्शन के तीसरे दिन इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन (AMA) भी समर्थन में उतर आया है.
इस बारे में एएमए के अध्यक्ष डॉ सुजीत सिंह ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि कोविड के समय इन्हीं डॉक्टरों ने सबसे ज्यादा मेहनत की थी. आज इन्हीं को उपेक्षित किया जा रहा है. दिल्ली में महिला डॉक्टरों के साथ अपराधियों की तरह सलूक निंदनीय है. जूनियर डॉक्टरों को मांग जायज है. एएमए अध्यक्ष ने कहा की माननीय सुप्रीम कोर्ट में सरकार को जल्द जवाब देकर पीजी की काउंसिलिंग शुरू करनी चाहिए. थर्ड ईयर के छात्रों के पासआउट होने के बाद यदि कोविड का संकट बढ़ा तो समस्या होगी. हमारे पास इंफ्रास्ट्रक्चर और इक्यूपमेंट तो होंगे लेकिन डॉक्टर नहीं होने तो हम इलाज कैसे करेंगे.
वहीं, इस संबंध में एएमए के फाइनेंस सेक्रेटरी डॉ युगांतर पांडे ने ‘प्रभात खबर’ से बात करते हुए कहा कि आज ये डॉक्टर अपने लिए हड़ताल पर नहीं बैठे हुए हैं. जनता के लिए हड़ताल पर हैं. कोरोना का संकट एक बार फिर बढ़ा तो बिना कोरोना वारियर के कैसे लड़ाई लड़ेंगे. उन्होंने कहा, ‘रेप के आरोपियों के लिए रात के 12 बजे सुप्रीम कोर्ट खुल सकती है तो डॉक्टरों के लिए क्यों नहीं? सरकार कोशिश तो करे.’ पीजी के छात्रों की काउंसिलिंग न होने से आने वाले दिनों में समस्याएं और हॉस्पिटल में दबाव दोनों बढ़ेगा. जनता और सरकार दोनों को सोचना होगा कि डॉक्टर उनके लिए जरूरी है या नहीं.
गौरतलब है कि पीजी में आरक्षण के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल पेटीशन पर सुनवाई की अगली तारीख 6 जनवरी को होनी है. सरकार को इस संबंध में जवाब देना है.
रिपोर्ट : एसके इलाहाबादी