Amalaki Ekadashi 2022 Date: कब है आमलकी एकादशी? शुभ मुहूर्त, पारण का समय जानें
Amalaki Ekadashi 2022 Date: इस साल आमलकी एकादशी व्रत 14 मार्च 2022 को रखा जाएगा.इसे आंवला एकादशी (Amla Ekadashi) या आमली ग्यारस भी कहते हैं.
Amalaki Ekadashi 2022 Date: हिंदू पंचांग के अंतर्गत प्रत्येक माह की 11वीं तीथि को एकादशी कहा जाता है. एकादशी (Ekadashi) को भगवान विष्णु (Lord Vishnu) को समर्पित तिथि माना जाता है. एक महीने में दो पक्ष होने के कारण दो एकादशी तिथि (ekadashi date) पड़ती है. एक शुक्ल पक्ष में और दूसरी कृष्ण पक्ष में. इस प्रकार वर्ष मे कम से कम 24 एकादशी हो सकती हैं, परन्तु अधिक मास की स्थति मे यह संख्या 26 भी हो सकती है. इस बार आमलकी एकादशी (Amalaki Ekadashi 2022 Date) सोमवार, 14 मार्च 2022 को है.
Amalaki Ekadashi 2022: शुभ मुहूर्त
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हिंदू पंचांग के अनुसार, एकादशी तिथि (ekadashi date) 13 मार्च को सुबह 10 बजकर 21 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 14 मार्च को दोपहर 12 बजकर 05 मिनट तक मान्य होगी.
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उदया तिथि के हिसाब से ये व्रत 14 मार्च को रखा जाएगा. इस बार आमलकी एकादशी पर सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है, जो इसे और भी शुभ और फलदायी बनाएगा.
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सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 06 बजकर 32 मिनट से प्रारंभ होकर रात 10 बजकर 08 मिनट तक रहेगा.
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व्रत का पारण करने के लिए शुभ समय 15 मार्च को सुबह 06 बजकर 31 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 55 मिनट तक है.
Amalaki Ekadashi 2022: पारण का समय
जो लोग आमलकी एकादशी का व्रत 14 मार्च को रखेंगे, वे 15 मार्च दिन मंगलवार को सुबह 06 बजकर 31 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 55 मिनट के बीच पारण करके व्रत को पूरा करेंगे. यह आमलकी एकादशी व्रत (Amalaki Ekadashi Paran) के पारण का मुहूर्त है. इस दिन द्वादशी तिथि का समापन दोपहर 01 बजकर 12 मिनट पर होना है.
Amalaki Ekadashi 2022: आमलकी एकादशी व्रत के नियम
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आमलकी एकादशी (Amalaki Ekadashi 2022) के व्रत का सम्वन्ध तीन दिनों की दिनचर्या से है. भक्त उपवास के दिन, से एक दिन पहले दोपहर में भोजन लेने के बाद शाम का भोजन नहीं ग्रहण करते हैं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि अगले दिन पेट में कोई अवशिष्ट न बचा रहे.
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एकादशी के दिन उपवास के नियमों का भक्त कड़ाई से पालन करते हैं. इस व्रत में अगले दिन सूर्योदय के बाद ही उपवास का पारण करते हैं. एकादशी व्रत के दौरान अनाज का सेवन वर्जित होता है.
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जो लोग किसी कारण एकादशी व्रत नहीं रखते हैं, उन्हें एकादशी के दिन भोजन में चावल का प्रयोग नहीं करना चाहिए.
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झूठ एवं परनिंदा से बचना चाहिए.
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एकादशी के दिन विष्णुसहस्रनाम का पाठ करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा मिलती है.
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जब एकादशी (Ekadashi 2022) दो दिन की होती है तब दूजी एकादशी एवं वैष्णव एकादशी एक ही दिन अर्थात दूसरे दिन मनाई जाती है.
Amalaki Ekadashi 2022: आमलकी एकादशी का महत्व
शास्त्रों के अनुसार, भगवान विष्णु ने आंवले को आदि वृक्ष के रूप में प्रतिष्ठित किया था. इसके हर अंग में ईश्वर का स्थान माना गया है. मान्यता है कि आमलकी एकादशी के दिन आंवला और श्री हरि की पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है.