Amalaki Ekadashi 2023: इस बार आमलकी एकादशी का व्रत 3 मार्च, 2023 को पड़ रहा है. इस दिन भगवान विष्णु के साथ आंवले के पेड़ की पूजा करने का महत्व है. माना जाता है कि जो भी व्यक्ति इस व्रत को रखता है उसे स्वर्ग और मोक्ष की प्राप्ति होती है. आमलकी एकादशी के दिन एक खास पौधे को लगाने से लाभ प्राप्ति होती, आइए जानें उस पौधे के बारे में
इस दिन आंवले की पूजा का विशेष महत्व माना गया है क्योंकि भगवान विष्णु जी को आंवले का भोग लगाया जाता है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने के साथ-साथ आंवले के पेड़ की पूजा करने का विधान है. माना जाता है कि आंवले के वृक्ष की नियमित रूप से पूजा करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही घर में आंवले का पेड़ लगाना लाभकारी माना जाता है.
आंवले के पौधे को बीज के द्वारा और कलम के द्वारा उगाया जा सकता है. आंवले के बीजों को मिट्टी और वर्मी कंपोस्ट के मिश्रण में लगाना चाहिए. इसके लिए छोटे गड्ढे करें. इसके बाद आप आंवले के बीज को लगा दें और इस में नियमित तरीके से पानी डालते रहे. 20 और 25 दिन के बाद, आपको एक छोटा सा पौधा देखने के लिए मिलता है, जो धीरे-धीरे बड़ा होता है.
आंवला का पेड़ अगर घर में लगा रहे हैं, तो उत्तर, पूर्व या फिर उत्तर- पूर्व दिशा में लगा सकते हैं. इस दिशा में लगाने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है.
होली से पहले आने वाल एकादशी को रंगभरी एकादशी और आमलकी एकादशी कहते हैं. इस साल फाल्गुन शुक्ल पक्ष की आमलकी एकादशी 3 मार्च 2023 को है और व्रत का पारण 4 मार्च 2023 को सुबह 06.48 से सुबह 09.09 तक किया जाएगा. ये तिथि श्रीहरि को बेहद प्रिय है.