सोचा नहीं था, पिता को इस षड्यंत्र के तहत फंसा दिया जाएगा, 20 साल लड़ाई के बाद मिली रिहाई : अमनमणि त्रिपाठी
मधुमिता हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी को 20 सालों के बाद रिहाई मिली हैं.
गोरखपुर: मधुमिता हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी को 20 सालों के बाद रिहाई मिली हैं. बची हुई सजा माफ हो जाने पर विपक्ष भले ही सवाल खड़ा कर रहा है, त्रिपाठी के समर्थक इसे सरकार के न्यायकारी कदम के रूप में देख रहे हैं. पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी वह उनकी पत्नी मधुमणि शुक्रवार की शाम 19 वर्ष बाद जेल से रिहा हुए. 25–25 लाख रुपए का निजी मुचलका व इतनी ही रकम की दो–दो जमानत लेने के बाद जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश ने रिहाई का आदेश शुक्रवार की दोपहर बाद दे दिया.अमरमणि त्रिपाठी के पुत्र एवं पूर्व विधायक अमनमणि त्रिपाठी ने इस मामले में सफाई दी है. दावा किया है कि उनके पिता को षड्यंत्र के तहत फंसाया गया था.
पूर्व विधायक अमनमणि त्रिपाठी ने कहा कि 20 सालों के संघर्ष के बाद माता-पिता को रिहाई मिली है. मैं सभी लोगों का शुक्रिया अदा अदा करता हूं. जिनके सहयोग की वजह से उनकी रिहाई हुई है. ईश्वर को भी धन्यवाद देता हूं. लोगों ने मुझे बधाई दी है. इन बीस सालों में किसी ने भी नहीं सोचा था कि क्यों उन्हें इस षड्यंत्र के तहत फंसा दिया जाएगा.पूर्वांचल के ब्राह्मण चेहरे की सवाल पर उन्होंने कहा कि संविधान में अधिकार है. इस अधिकार के तहत हम लोगों ने अपने पिता की रिहाई कराई है. भाजपा ने उन्हें अधिकार के तहत रिहाई का आदेश दिया है.
त्रिपाठी दंपति के इलाज में कुछ नई दवाइयां ऐड
डॉक्टर के मुताबिक अमरमणि मानसिक रूप से बीमार हैं. उनका इलाज मानसिक रोग विभाग के विभाग अध्यक्ष डॉक्टर तपस कुमार आईच की देखरेख में चल रहा है.न्यूरो,आर्थो और स्पाइनल की बीमारी भी है. उनकी पत्नी मधुबनी को सर्वाइकल से जुड़ी दिक्कत है. उनका न्यूरोसर्जन की देखरेख में इलाज चल रहा है. शनिवार को अमरमणि और मधु मणि त्रिपाठी के स्वास्थ्य परीक्षण के बाद डॉक्टरों ने अभी भी रोड मेडिकल कॉलेज में ही रखने का निर्णय लिया है. डॉक्टर ने त्रिपाठी दंपति के इलाज में कुछ नई दवाइयां भी ऐड की है. डॉक्टरों की निगरानी में त्रिपाठी दंपति अभी भी बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ही रहेंगे. दवाइयां के असर का परीक्षण करने के बाद ही बीआरडी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर आगे का निर्णय लेंगे. वहीं डॉक्टर के मुताबिक मधु मणि त्रिपाठी साइक्रिट्रिक प्रॉब्लम जब की अमरमणि त्रिपाठी को न्यूरो,आर्थो और स्पाइनल की बीमारी है.
Also Read: Explainer : मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में दोषी पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी सपत्नी होंगे रिहा, ऐसे मिली माफी ..
Also Read: Madhumita Murder Case: 9 मई 2003 की वो काली रात जिसने एक कवयित्री की चीख के बाद बदल दी पूर्वांचल की सियासत
डॉक्टरों की राय पर ही आगे का निर्णय लेगा परिवार
इस मामले में अमरमणि त्रिपाठी के पुत्र और पूर्व विधायक अमनमणि त्रिपाठी ने बताया कि डॉक्टरों की राय पर ही आगे का निर्णय लिया जाएगा. याद रहे कि लखनऊ के निशांत गंज स्थित पेपर मिल कॉलोनी में 9 में 2003 को कवित्री मधुमिता शुक्ला की गोली मारकर हत्या हुई थी. जिसमें अमरमणि त्रिपाठी और मधु मणि अमरमणि के भतीजे रोहित चतुर्वेदी सहित दो अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया था. 24 अक्टूबर 2007 को हत्या की साजिश रचने और मधुमिता की हत्या करने के लिए दोषी ठहराया गया. जुलाई 2012 में उत्तराखंड हाई कोर्ट ने भी दोषियों को सीबीआई कोर्ट द्वारा सुनाई गई उम्र कैद की सजा को बरकरार रखा. कोर्ट ने अमरमणि के एक अन्य सहयोगी प्रकाश पांडे को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.
Also Read: UP News : कमरा नंबर 8 का कैदी: मधुमिता शुक्ला मर्डर केस में दोषी अमरमणि त्रिपाठी…
बीआरडी मेडिकल कॉलेज में काटी सजा
2012 में उत्तराखंड से गोरखपुर जेल में अमरमणि का ट्रांसफर किया गया इसके बाद वह बीआरडी मेडिकल कॉलेज से वापस नहीं गए. मधुमणि को 16 अप्रैल 2012 को जेल की एक डॉक्टर की सिफारिश पर मेडिकल कॉलेज भेजा गया था. यहां आने के बाद उसे एक प्राइवेट वार्ड में भर्ती कराया गया. साल 2008 की एक चेक बाउंस के मामले में मुकदमा का सामना करने के लिए उनको उत्तराखंड से गोरखपुर जेल लाया गया. इसके बाद से वह भी वापस नहीं गई.
रिपोर्ट : कुमार प्रदीप