अमर्त्य सेन ने चुप्पी तोड़ी, बोले, विश्व भारती के कुलपति ने केंद्र के इशारे पर की कार्रवाई

जमीन विवाद (Land Dispute) में नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन (Nobel Laureate Amartya Sen) ने अपनी चुप्पी तोड़ी और कहा कि विश्व भारती के कुलपति (Vice Chancellor of Visva Bharati) ने केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार के इशारे पर उनके खिलाफ कार्रवाई की. कहा कि शांति निकेतन (Shantiniketan) में उनके अधिकार वाली जमीन रिकॉर्ड में दर्ज है और पूरी तरह से लंबी अवधि के लिए पट्टे पर है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 27, 2020 2:08 PM

कोलकाता : जमीन विवाद में नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने अपनी चुप्पी तोड़ी और कहा कि विश्व भारती के कुलपति ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के इशारे पर उनके खिलाफ कार्रवाई की. कहा कि शांति निकेतन में उनके अधिकार वाली जमीन रिकॉर्ड में दर्ज है और पूरी तरह से लंबी अवधि के लिए पट्टे पर है.

विश्व भारती की जमीन पर परिवार के कथित ‘अवैध’ कब्जे को लेकर उभरे विवाद के बीच अमर्त्य सेन ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय के कुलपति केंद्र के इशारे पर कार्रवाई कर रहे हैं. वह उन खबरों पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे, जिनमें कहा गया था कि विश्व भारती ने उनका नाम उन लोगों की सूची में शामिल किया है, जिन्होंने गैरकानूनी ढंग से अतिरिक्त जमीन पर कब्जा कर रखा है.

मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि विश्व भारती के कुलपति विद्युत चक्रवर्ती परिसर में पट्टे की जमीन पर अवैध कब्जे को हटाने की व्यवस्था करने में व्यस्त हैं और उनका (सेन) नाम भी कब्जा करने वालों की सूची में रखा गया है. श्री सेन ने एक बयान जारी कर कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय ने जमीन के अधिकार को लेकर किसी तरह की अनियमितता के संबंध में कोई शिकायत उनसे या उनके परिवार से नहीं की है.

Also Read: नीतीश कुमार जी, टुकड़े होकर बिखरने से पहले नये रास्ते तलाशें, बिहार में विपक्षी दलों के संपर्क में रहें, बंगाल कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी की सलाह

उन्होंने कहा, ‘मैं शांति निकेतन की परंपरा और कुलपति के बीच की लंबी दूरी को लेकर टिप्पणी कर सकता था, क्योंकि वह दिल्ली की उस केंद्र सरकार द्वारा शक्ति प्रदत्त हैं, जो कि बंगाल में अपना नियंत्रण बढ़ा रही है.’ नोबेल पुरस्कार विजेता ने कहा कि विश्व भारती की भूमि, जिस पर उनका घर स्थित है, पूरी तरह से एक दीर्घकालिक पट्टे पर है और इसकी अवधि दूर-दूर तक समाप्त नहीं हो रही है.

ममता बनर्जी ने किया है सेन का समर्थन

उन्होंने कहा, ‘अतिरिक्त भूमि मेरे पिता ने पूर्ण स्वामित्व के रूप में खरीदी थी और मौजा सुरुल के तहत भूमि रिकॉर्ड में दर्ज की गयी थी.’ अमर्त्य सेन के साथ खड़ी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शांतिनिकेतन में विश्व प्रसिद्ध अर्थशास्त्री की पारिवारिक संपत्तियों को लेकर हाल के घटनाक्रमों पर नाराजगी जतायी थी.

Also Read: LPG Cylinder Latest Updates : पेट्रोल-डीजल के बाद अब एलजीपी सिलेंडर की दरों पर सरकार लेगी बड़ा फैसला? आपकी जेब से है इसका सीधा संबंध
अमर्त्य सेन पर तृणमूल कांग्रेस बनाम भारतीय जनता पार्टी

ममता बनर्जी ने सेन को ‘असहिष्णुता’ के खिलाफ लड़ाई में उन्हें अपनी बहन या दोस्त मानने को कहा था. उन्होंने कहा था कि कुछ लोगों ने शांतिनिकेतन में सेन की पारिवारिक संपत्तियों के बारे में पूरी तरह से आधारहीन आरोप लगाना शुरू कर दिया है.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा था कि नोबेल विजेता और अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त अर्थशास्त्री को यह देखना चाहिए कि कुछ ताकतों द्वारा उनका राजनीतिक हित साधने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाये.

Also Read: Madhyamik Exam 2021 News: 1 जून से पश्चिम बंगाल में होगी माध्यमिक की परीक्षा, उच्च माध्यमिक की परीक्षाएं 15 जून से

उन्होंने कहा, ‘हम उनसे वैचारिक रूप से असहमत हो सकते हैं, लेकिन हमारे मन में उनके प्रति सम्मान है. हम उनसे पश्चिम बंगाल में विकास विरोधी राजनीतिक ताकतों द्वारा इस्तेमाल नहीं होने का आग्रह करते हैं.’

Posted By : Mithilesh Jha

Next Article

Exit mobile version