साहिबगंज के मठियो गांव में नहीं पहुंचता एंबुलेंस, गर्भवती को खटिया पर ले जाने को मजबूर हुए परिजन

साहिबगंज के बोरियो प्रखंड अंतर्गत मठियो गांव में एंबुलेंस नहीं आ सकती है. कारण है सड़क नहीं होना. इससे सबसे अधिक परेशानी मरीज खासकर गर्भवती महिला को होती है. गर्भवती महिला के प्रसव पीड़ा होने पर उसके परिजन डेढ़ किमी तक खटिया पर ढोकर ले गये.

By Samir Ranjan | September 26, 2022 4:59 PM

Jharkhand News: साहिबगंज के बोरियो प्रखंड अंतर्गत मठियो गांव की एक तस्वीर सरकार के वादों की पोल खोलती नजर आ रही है. मठियो गांव में सड़क नहीं होने के कारण मरीजों को अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस तक नहीं पाती है. मजबूरन ग्रामीणों काे खटिया पर लादकर मरीजों को मुख्य सड़क तक पहुंचाने को बाध्य होना पड़ता है. यहां से एंबुलेंस के माध्यम से मरीजों को अस्पताल पहुंचाया जाता है.

मठियो गांव तक नहीं जाती एंबुलेंस

ऐसा ही एक मामला साहिबगंज जिला की बड़ा राकसो पंचायत स्थित मठिया गांव में देखने को मिली. इस गांव की गर्भवती महिला मैसी पहाड़िन को प्रसव पीड़ा हुआ. परिजनों ने एंबुलेंस को सूचना दी, लेकिन गांव तक सड़क की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण गाड़ी गांव तक नहीं पहुंच सकी. जिसके बाद परिजनों ने खटिये पर ढाेकर मुख्य मार्ग में खड़ी एंबुलेंस तक पहुंचाया.

डेढ़ किलोमीटर तक खटिया पर मरीज को ढोया

परिजनों ने गर्भवती महिला को करीब डेढ़ किमी दूर खटिया पर ढोकर उसे एंबुलेंस तक पहुंचाया. गनीमत रही कि तेज बारिश नहीं हुई है. जिससे गांव के बगल से गुजरती नदी का जलस्तर सामान्य था. जिससे आसानी से गर्भवती महिला को सड़क तक पहुंचाया जा सका. ग्रामीणों की माने तो तेज बारिश होते ही नदी का जलस्तर बढ़ जाता है. जिससे मठियो समेत अन्य गांव का प्रखंड मुख्यालय से संपर्क टूट जाता है.

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उफान पर है गंगा

दूसरी ओर, साहिबगंज में गंगा उफान पर है. पिछले एक सप्ताह से गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है. इस कारण दियारा व निचले इलाकों में गंगा का पानी प्रवेश कर गया है. केंद्रीय जल आयोग, पटना की दैनिक रिपोर्ट में रविवार की दोपहर में ही गंगा खतरे के निशान को पार कर गयी. साहिबगंज में गंगा का जलस्तर 27.23 मीटर मापा गया. जो चेतावनी रेखा 26.25 से 98 सेमी ऊपर एवं खतरे के निशान 27.25 से मात्र दो सेमी नीचे बह रही है. केंद्रीय जल आयोग ने जलस्तर बढ़ने की संभावना जतायी है. वहीं, लगातार एक सप्ताह से जलस्तर में वृद्धि होने से दियारा क्षेत्र में रह रहे लोगों की चिंता बढ़ गयी है. साथ ही दियारा क्षेत्र के निचले इलाकों के खेतों में गंगा का पानी प्रवेश कर गया है. वहीं, शहरी क्षेत्र के गंगा घाट के सामने बड़े नाले में बाढ़ का पानी भर गया है.

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