झरिया के बाटा मोड़ में जाम में फंसा एंबुलेंस, महिला मरीज की हुई मौत, जाम के कारण रेंगते रहे वाहन

jharkhand news: धनबाद के झरिया स्थित बाटा मोड़ के पास लगे भीषण जाम में एंबुलेंस फंस गया. रास्ता नहीं मिलने और सही वक्त पर अस्पताल नहीं पहुंचने के कारण एंबुलेंस में सवार महिला मरीज की मौत हो गयी. झरिया के लक्ष्मीनिया मोड से चार नंबर तक घंटों जाम लगी रही. इस दौरान वाहन रेंगते नजर आये.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 4, 2022 8:20 PM

Jharkhand news: धनबाद जिला के झरिया शहर में लगे जाम ने मंगलवार को एक महिला की जान ले ली. महिला एंबुलेंस में थी. पांच मिनट की दूरी तय कर अस्पताल पहुंचा जा सकता था, लेकिन इतनी कम दूरी को भी एंबुलेंस पार कर नहीं पाया. इसके कारण कोयरीबांध की सावित्री देवी (65 वर्षीय) की जान चली गयी.

300 मीटर की दूरी तय हो जाती तो नहीं जाती सावित्री की जान

बताया जाता है कि कोयरीबांध निवासी गया प्रसाद चौधरी की पत्नी सावित्री देवी कई दिनों से बीमार थी. उन्हें ठंड लगी थी. मंगलवार तक तबीयत ठीक नहीं हुई, तो पति ने एंबुलेंस बुलाया. उसके बाद एंबुलेंस से झरिया लाइफ लाइन अस्पताल ले जाने लगे. जैसे ही एंबुलेंस लेकर अस्पताल जा रहे थे, तभी एंबुलेंस बाटा मोड़ के समीप जाम में फंस गया. परिजन व महिला पुलिस एंबुलेंस को जाम से निकालने के लिए मशक्कत करते रहे. लेकिन, जाम इस कदर लगा था कि एंबुलेंस ना तो आगे और ना ही पीछे जा सकता था.

इसी बीच समय पर इलाज उपलब्ध नहीं होने से बीमार वृद्ध महिला की मौत एंबुलेंस में ही हो गयी, जबकि बाटा मोड़ से लाइफ लाइन अस्पताल मात्र पांच मिनट में पहुंचा जा सकता था. लेकिन, वहां तक एंबुलेंस को पहुंचने में एक घंटे से अधिक का वक्त लग गया. जब परिजन मरीज को लेकर लाइफ लाइन अस्पताल पहुंचे, तब तक उसकी जान जा चुकी थी. वहां पहुंचते ही डॉक्टरों ने महिला को मृत घोषित कर दिया.

Also Read: Mini Lockdown in Jharkhand: बंद हुए कोडरमा के स्कूल-कॉलेज व पार्क, पर्यटन स्थलों में पसरने लगा सन्नाटा

कोयरीबांध निवासी सह पेंशनर समाज के झरिया प्रखंड अध्यक्ष गया प्रसाद चौधरी के अनुसार उनकी पत्नी की अचानक तबीयत बिगड़ने पर एंबुलेंस से अस्पताल ले जा रहे थे. जाम में फंसने से समय पर एंबुलेंस अस्पताल नहीं पहुंच सका. कहा कि दुर्भाग्य है कि अस्पताल बहुत निकट रहने के बाद भी पत्नी की जान नहीं बचा पायें. वहीं, एंबुलेंस चालक सूरज कुमार ने कहा कि झरिया बाटा मोड़ में जाम होने के कारण मरीज को समय पर अस्पताल नहीं पहुंचा पाया. रास्ते में ही उनकी मौत हो गयी.

झरिया में एक दर्जन है टाइगर जवान, फिर भी लगता है जाम

झरिया थाना में एक दर्जन टाइगर जवानों की प्रतिनियुक्ति की गयी है. लेकिन, अधिकारियों ने झरिया शहर की विधि-व्यवस्था व ट्रैफिक सुधारने के लिए जवानों को नहीं लगाया. सबसे मजेदार बात है कि जाम के वक्त भी कई टाइगर जवान चाय दुकान पर खड़े होकर आपस में बातचीत करने में मशगूल थे. स्थानीय लोगों का कहना है कि उनकी नजर सिर्फ मालवाहक ट्रक, बिचाली वाहन एवं अवैध कारोबारियों पर ही रहती है.

बता दें कि झरिया में ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने व जाम से निबटने के लिए जिला प्रशासन द्वारा झरिया बाजार में वन-वे ट्रैफिक सिस्टम लागू किया गया है. इसके बावजूद स्थानीय प्रशासन की लापरवाही के कारण लोगों को जाम से निजात नहीं मिल रही है. आये दिन लक्ष्मीनिया मोड़, सब्जीपट्टी, मेन रोड, चार नंबर, धर्मशाला रोड में जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है.

Also Read: सांस्कृतिक कार्यक्रम में मंच पर चढ़कर युवकों ने लहराया पिस्टल, गुमला में छिना-झपटी का वीडियो हुआ वायरल

घटना की सूचना मिलने पर पेंशनर समाज के केपी तिवारी, राजेंद्र पासवान, निमाई मुखर्जी, नारायण ठाकुर मृतका के आवास पहुंचे और शोक व्यक्त किया. उन्होंने स्थानीय प्रशासन से झरिया शहर के लोगों को आये दिन लगने वाले जाम से निजात दिलाने की मांग की.

Posted By: Samir Ranjan.

Next Article

Exit mobile version