भारत को नीचा दिखाने की छोटी से छोटी कोशिश से भी चीन पीछे नहीं रहता. लेकिन हर बार ड्रैगन को मुंह की खानी पड़ती है. इसी कड़ी में ड्रैगन ने बीजिंग के विंटर ओलंपिक्स की मशाल गलवान घाटी में घायल अपने सैनिक क्यूई फैबाओ को सौंपी. भारत को नीचा दिखाने की इस मंशा पर अमेरिका ने चीन की जमकर क्लास ली है. अमेरिकी सीनेटर ने चीन को फटकार लगाई है.
अमेरिका के एक शीर्ष सीनेटर जिम रिस्क ने इस मामले में चीन की जमकर निंदा की है. उन्होंने ड्रैगन की इस हरकत को ‘शर्मनाक’ करार दिया है. उन्होनें कहा कि चीन ने मशाल एक ऐसे हाथ में दिया है जिसने 2020 में चीनी सैनिकों ने भारत पर जब हमला किया था तो क्यूई फैबाओ उसी टुकड़ी का हिस्सा था. अमेरिकी सीनेटर ने कहा कि अमेरिका उइघुर स्वतंत्रता और भारत की संप्रभुता का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है.
It's shameful that #Beijing chose a torchbearer for the #Olympics2022 who's part of the military command that attacked #India in 2020 and is implementing #genocide against the #Uyghurs. The U.S. will cont. to support #Uyghur freedoms & the sovereignty of India.
— Senate Foreign Relations Committee Ranking Member (@SenateForeign) February 3, 2022
दरअसल, विंटर ओलंपिक की मशाल चीनी सैनिक क्यूई फैबाओ के हाथों में देने को लेकर कहा जा रहा है कि, यह भारत के खिलाफ चीन का दुष्प्रचार है. क्यूई फैबाओ के माध्यम से चीन दिखाने की कोशिश कर रहा है कि भारत मेंहमला करने वालों के वो विशेष सम्मान देता है. हालांकि इस हरकत को लेकर चीन की दुनिया में निंदा हो रही है. अमेरिका ने खुलकर चीन की बुराई की है.
गौरतलब है कि इसको लेकर बीते दिन चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में एक खबर आयी थी. खबर में क्यूई फैबाओ को हीरो बताया गया है. ग्लोबल टाइम्स में कहा गया है कि, पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के रेजिमेंट कमांडर क्यूई फैबाओ ने गलवान घाटी में भारत के साथ हुई झड़प में बहादुरी से लड़ा. जिसमें वो घायल हो गया था.
Posted by: Pritish Sahay