बंगाल पंचायत चुनाव पर अमित शाह के बयान पर टीएमसी की तीखी प्रतिक्रिया, डेरेक ने कही ये बात
तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन आज अमित शाह पर जमकर बरसे. उन्होंने बंगाल पंचायत चुनाव में भाजपा के बेहतर प्रदर्शन के संबंध में दिये गये अमित शाह के बयान को पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा से जोड़ा और केंद्रीय गृह मंत्री के बयान को शर्मनाक करार दिया.
पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने पंचायत चुनावों में हिंसा पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणियों को ‘अनुचित और अंसवेदनशील’ करार दिया. पार्टी ने शाह से हिंसा प्रभावित मणिपुर में शांति बहाली के प्रयासों में उनके मंत्रालय की भूमिका के बारे में पूछा. टीएमसी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा नेता डेरेक ओब्रायन ने कहा कि हिंसा में मारे गए परिवारों के प्रति संवेदना दिखाने की बजाय भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता वोट प्रतिशत पर खुश हो रहे हैं.
टीएमसी नेता डेरेक ओब्रायन ने ट्वीट कर अमित शाह पर बोला हमला
केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने शुक्रवार को कहा था कि ‘भयावह हिंसा’ भी भाजपा को चुनाव में शानदार प्रदर्शन करने से नहीं रोक सकी. ओब्रायन ने शुक्रवार को ट्वीट किया, ‘गृह मंत्री अमित शाह जी आपने कितना अनुचित, असंवेदनशील बयान दिया है. आप कितना नीचे गिर सकते हैं? गृह मंत्री होने के नाते आप पर लोगों की रक्षा करने और देश में शांति स्थापित करने की जिम्मेदारी है. शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना दिखाने की बजाय आप फर्जी वोट प्रतिशत की राजनीति पर इतरा रहे हैं.’
अमित शाह के बयान को टीएमसी ने बताया शर्मनाक
उन्होंने कहा, ‘और यह शर्मनाक तो है ही, साथ ही आप जो मत प्रतिशत बता रहे हैं, वो भी गलत है. आपकी पार्टी के मत प्रतिशत में गिरावट आयी है.’ टीएमसी नेता ने कहा कि पश्चिम बंगाल के लोगों ने एक बार फिर भाजपा को नकार दिया है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘मैं पूछता हूं, आप मणिपुर को लेकर क्या कर रहे हैं? आप जम्मू-कश्मीर के बारे में क्या कर रहे हैं? शिष्टाचार और मानवीयता दो शब्द हैं, जो आपके शब्दकोश में नहीं हैं.’
अमित शाह ने दिया था ये बयान
टीएमसी नेता की यह टिप्पणी तब आयी है, जब अमित शाह ने एक ट्वीट में कहा था, ‘पश्चिम बंगाल में भयावह हिंसा भी भाजपा को पंचायत चुनाव में शानदार प्रदर्शन करने से नहीं रोक सकी. भाजपा ने पिछले चुनाव से अपनी सीटों की संख्या लगभग दोगुनी कर ली है, जो लोगों के भरोसे में उल्लेखनीय वृद्धि का संकेत है.’ भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई ने कहा कि शाह के खिलाफ टीएमसी की टिप्पणियां ‘सच्चाई सामने आने के बाद पार्टी की हताशा को दर्शाती हैं.’
भाजपा ने जीती 9700 से अधिक सीटें
बता दें कि पश्चिम बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में 73 हजार से अधिक सीटों पर हुई वोटिंग में तृणमूल कांग्रेस ने 35 हजार से अधिक सीटों पर जीत हासिल की. हालांकि, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी 9700 से अधिक सीटों पर जीत दर्ज की है, जो उसके पिछले प्रदर्शन की तुलना में बहुत बढ़िया है. यहां यह बताना भी प्रासंगिक होगा कि पंचायत चुनाव के दौरान पश्चिम बंगाल में जमकर हिंसा हुई. 8 जून 2023 को पंचायत चुनाव की घोषणा के बाद से ही हिंसा शुरू हो गयी.
मतगणना के बाद भी जारी रही हिंसा
बंगाल में हिंसा यह दौर पंचायत चुनाव की मतगणना के बाद भी जारी रहा. बताया जा रहा है कि चुनावी हिंसा में अब तक 54 लोगों की मौत हो चुकी है. पंचायत चुनाव में हिंसा की वजह से पश्चिम बंगाल सरकार और पश्चिम बंगाल राज्य निर्वाचन आयोग दोनों की कलकत्ता हाईकोर्ट में खूब फजीहत हुई. हाईकोर्ट के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट ने भी चुनाव आयोग को उस वक्त जमकर फटकार लगायी, जब चुनावों में केंद्रीय बलों की नियुक्ति के खिलाफ अपील करने के लिए राज्य चुनाव आयोग सर्वोच्च अदालत पहुंचा था.
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कांग्रेस, माकपा, भाजपा ने की केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग
ज्ञात हो कि पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव की घोषणा के बाद जब हिंसा शुरू हुई, तो कांग्रेस, माकपा के साथ-साथ भाजपा ने भी केंद्रीय बलों की तैनाती में वोटिंग की मांग की. तृणमूल कांग्रेस और राज्य निर्वाचन आयुक्त राजीव सिन्हा ने इसका विरोध किया. राजीव सिन्हा ने कहा कि राज्य की पुलिस पर अविश्वास करने का कोई औचित्य नहीं है. कलकत्ता हाईकोर्ट में मामला पहुंचा, तो माननीय न्यायाधीश ने केंद्रीय बलों की तैनाती करने के निर्देश दिये. इस निर्देश को पलटने की मांग करते हुए राज्य सरकार के साथ-साथ निर्वाचन आयोग भी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया.
पंचायत चुनाव के दिन 18 लोगों की मौत
इस मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को जमकर फटकार लगायी. कोर्ट ने कहा कि आयोग एक निष्पक्ष संस्था है. उसे स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने की व्यवस्था करनी चाहिए. ऐसे में वह केंद्रीय बलों की नियुक्ति के खिलाफ याचिका लेकर सर्वोच्च न्यायालय कैसे पहुंच गये. बाद में राज्य निर्वाचन आयोग ने केंद्र से केंद्रीय बलों की मांग की. भारी संख्या में केंद्रीय बलों को बंगाल भेजा गया, लेकिन 8 जुलाई 2023 को मतदान के दिन उनकी तैनाती नहीं की गयी. इसकी वजह से एक दिन में करीब 18 लोगों की मौत हो गयी. हालांकि, आधिकारिक तौर पर 10 लोगों की मौत की ही पुष्टि हुई.