‘जीभ से लगी चोट कभी ठीक नहीं होती…’ अमिताभ बच्चन का ये ट्वीट हो रहा तेजी से वायरल
amitabh bachchan tweet viral: महानायक अमिताभ बच्चन 11 जुलाई को कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद नानावती अस्पाल में भर्ती हैं. उनका और उनके बेटे अभिषेक बच्चन दोनों का इलाज चल रहा है. सोमवार को उनकी बहू ऐश्वर्या राय और पोती आराध्या बच्चन अस्पताल से डिस्चार्ज हो गए हैं. वहीं अमिताभ बच्चन सोशल मीडिया के माध्यम से लगातार अपने प्रशंसकों से जुड़े हैं.
Amitabh Bachchan: महानायक अमिताभ बच्चन 11 जुलाई को कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद नानावती अस्पाल में भर्ती हैं. उनका और उनके बेटे अभिषेक बच्चन दोनों का इलाज चल रहा है. सोमवार को उनकी बहू ऐश्वर्या राय और पोती आराध्या बच्चन अस्पताल से डिस्चार्ज हो गए हैं. वहीं अमिताभ बच्चन सोशल मीडिया के माध्यम से लगातार अपने प्रशंसकों से जुड़े हैं. अब उनका एक और ट्वीट तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
अमिताभ बच्चन ने ट्वीट किया,’ जीभ पर लगी चोट जल्दी ठीक हो जाती है, लेकिन जीभ से लगी चोट कभी ठीक नहीं होती…’ उनके इस ट्वीट पर लोग खूब प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. एक यूजर ने लिखा,’ हर परिस्थिति में मुस्कुराते रहिये, दुनिया कंफ्यूज रहेगी न जाने इसे किस बात की ख़ुशी है.’ एक और यूजर ने लिखा,’ जीभ सुधर जाए, तो ज़िन्दगी सुधरने में वक्त नही लगता.’
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"जीभ पर लगी चोट जल्दी ठीक हो जाती है
लेकिन जीभ से लगी चोट कभी ठीक नहीं होती..!!" ~ Ef am— Amitabh Bachchan (@SrBachchan) August 1, 2020
वहीं बिग बी ने ईद-उल-अजहा पर अपने फैंस को बधाई दी है. ईद-उल-अजहा का त्योहार 1 अगस्त को देश में मनाया जा रहा है. अमिताभ ने एक दिन पहले ही सभी को ईद-उल-अजहा की मुबारकबाद दे दी थी.
हाल ही में उन्होंने अपने लेटेस्ट ब्लॉग में बताया कि उन्हें अस्पताल में कौन से दो लोगों का सबसे ज्यादा इंतजार रहता है. साथ ही अपने नये गेम के बारे में भी बताया. अमिताभ बच्चन ने अपने ब्लॉग में बताया कि उन्हें पूरा दिन डॉक्टर्स और नर्सेज का इंतजार रहता है. वो कहते है, ‘आइसोलेशन…क्वारनटीन…अकेलापन…ये कमरा, मेडिकल केयर और कुछ नहीं. दिन में जिस वक्त का सबसे ज्यादा इंजतार रहता है वो है डॉक्टर्स और नर्सेज के विजिट टाइमिंग का…दवा का इलाज का समय…इसी का इंतजार रहता है’.
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बिग बी ने यहां रहते हुए नया गेम बनाया है. वो अपने ब्लॉग में लिखते है, ‘यहां हम जो गेम खेलते हैं वो ट्रीटमेंट इक्वीपमेंट के साथ कंपटीशन करना होता है. कितनी सांसे, कितनी देर तक सांस रोक कर रखा, पिछले दिन की टाइमिंग को पीछे छोड़ना है और बेहतर करना है. लैब रिपोर्ट्स के पैरामीटर्स पर अपने ये नंबर्स पूछना, उसका एक शब्द भी ना समझना और डॉक्टर जो बताते हैं उसे भी कुछ नहीं समझना.’
Posted By: Budhmani Minj