‘ये कल का सुपरस्टार है’ अमिताभ बच्चन की एक्टिंग देख बोल पड़े थे राजेश खन्ना, इस फिल्म के बाद बढ़ी दूरियां
अमिताभ बच्चन की उस समय कई फिल्में हिट हो रही थी. 1973 में ही अमिताभ बच्चन की जंजीर रिलीज हुई थी और अमिताभ एंग्री यंग मैन वाले किरदार को लेकर लोगों के जेहन में थे. 'आनंद' के सुपरहिट होने के बाद जब दोनों फिर एकसाथ आये तो दर्शकों की भीड़ लाजमी थी.
राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन ने साल 1971 में ऋषिकेश मुखर्जी की फिल्म ‘आनंद’ में पहली बार एक साथ काम किया, तो एक सुपरस्टार था और दूसरा बिल्कुल नया अभिनेता जो इंडस्ट्री में अपनी जगह तलाशने आया था. दो साल बाद 1973 में चीजें बदलने लगी थी. अमिताभ बच्चन सुपरस्टारडम के मुहाने पर थे और राजेश खन्ना अपना मिडास टच खो रहे थे. इस बदलाव को दुनिया के सामने रखनेवाली फिल्म थी ऋषिकेश मुखर्जी की नमक हराम. इस फिल्म के बाद राजेश खन्ना को लगने लगा था कि बॉलीवुड को नया सुपरस्टार मिल गया है.
नमक हराम का क्लाइमेक्स बदला गया
अमिताभ बच्चन की उस समय कई फिल्में हिट हो रही थी. 1973 में ही अमिताभ बच्चन की जंजीर रिलीज हुई थी और अमिताभ एंग्री यंग मैन वाले किरदार को लेकर लोगों के जेहन में थे. ‘आनंद’ के सुपरहिट होने के बाद जब दोनों फिर एकसाथ आये तो दर्शकों की भीड़ लाजमी थी. लेकिन इस फिल्म का क्लाइमेक्स कुछ और था जिसे आखिरी समय में बदला गया. वजह थे राजेश खन्ना.
फिल्म का क्लाइमेक्स क्या है?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, राजेश खन्ना को अमिताभ बच्चन से इनसिक्योरिटी होने लगी थी. वो चाहते थे कि उन्हें फिल्म के दमदार डायलॉग और सीन मिले. उन्होंने ऋषिकेश मुखर्जी से कई बार जानने की कोशिश की थी फिल्म का क्लाइमेक्स क्या है? लेकिन मुखर्जी ने उसे खोला नहीं. लेकिन सुपरस्टार राजेश खन्ना ने पता लगवा ही लिया कि क्लाइमैक्स क्या है. इसके मुताबिक अमिताभ के किरदार की अंतिम में मौत हो जाती है.
स बात से नाराज हो गये थे अमिताभ बच्चन
लेकिन उस दौर में राजेश खन्ना बखूबी जानते थे कि ऐसे सीन से लोगों की हमदर्दी अमिताभ की तरफ चली जायेगी. क्योंकि आनंद को लेकर वो अपनी लोकप्रियता देख चुके थे. उन्होंने ऋषिकेश मुखर्जी पर दबाव डाला कि वो आखिरी सीन को बदल दें. सुपरस्टार की बात टालना उनके लिए आसान नहीं थी. राजेश खन्ना ने उन्हें मना लिया. लेकिन अमिताभ इस बात से नाराज हो गये और उन्होंने अपना सिक्का चला दिया.
राजेश खन्ना ने नाराज होकर लिया था ये फैसला
अमिताभ बच्चन ने ऋषिकेश मुखर्जी से स्क्रिप्ट में बदलाव करवा दिये. राजेश खन्ना को इसकी खबर नहीं होने दी. अब आखिरी सीन था जिसमें राजेश खन्ना के किरदार की मौत हो जाती है और अमिताभ बच्चन का किरदार उसकी मौत का बदला लेता है. जब फिल्म रिलीज हुई अमिताभ बच्चन के किरदार को काफी पसंद किया गया. राजेश खन्ना इस बात से नाराज हुए. बताया जाता है कि इसके बाद राजेश खन्ना ने अमिताभ बच्चन के साथ काम करने को लेकर मना कर दिया था.
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‘ये कल का सुपरस्टार है’
नमक हराम उस संक्रमणकालीन क्षण को दर्शाती है जहां अमिताभ बच्चन ने स्थापित किया कि फिल्मों में कोई भी नहीं था जो उनके बगल में खड़ा हो और उतना ही प्रभावशाली हो. राजेश खन्ना ने मूवी पत्रिका को दिये एक इंटरव्यू में कहा था,“जब मैंने नमक हराम को लिबर्टी सिनेमा में देखा. मुझे पता था कि मेरा समय खत्म हो गया है. मैंने ऋषिदा से कहा, ‘ये कल का सुपरस्टार है.’