80 और 90 के दशक में फिल्मी पर्दे पर अपनी खौफ से लोगों के बीच दहशत पैदा करने वाले अमरीश पुरी का आज जन्मदिन है. अमरीश पुरी भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनके द्वारा निभाया गया हर किरदार आज भी लोकप्रिय है. अमरीश पूरी को हिंदी सिनेमा का अमर खलनायक कहा जाता है. गब्बर के बाद मोगैंबो को ही फिल्मी दुनिया का बड़ा खलनायक माना गया.
प्रेम पुजारी से की करियर की शुरूआत
अमरीश पुरी (Amrish Puri) को शुरू से एक्टिंग का ही शौक था. शुरुआती समय में उन्हें कई प्रोड्यूसर ने रिजेक्ट किया लेकिन उन्होंने एक्टिंग नहीं छोड़ी और थिएटर की तरफ रुख किया. 1970 में उन्होंने देव आनंद की फिल्म ‘प्रेम पुजारी’ में छोटा सा रोल प्ले किया. फिल्मों में अमरीश पुरी का विलेन किरदार कई हीरों पर भारी पड़ता दिखा, लेकिन 12 जनवरी 2005 को 72 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया. फिल्मों में दमदार अभिनय और बेहतरीन डायलॉग के लिए अमरीश पुरी को कई पुरस्कारों से सम्मानित भी किया जा चुका है. यहां देखें अमरिश पुरी के दमदार डायलॉग्स
करण अर्जुन
“दोस्ती और दुश्मनी का क्या, अपनों का खून भी पानी की तरह बहाता हूं”
दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे
“जा सिमरन जा जी ले अपनी जिंदगी” – दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे का ये डायलॉग काफी मशहूर हुआ था
मिस्टर इंडिया
“मोगैंबो खुश हुआ” – अमरीश पुरी का यह डायलॉग आज भी कई लोगों को याद होगा. यह डायलॉग अनिल कपूर की सुपरहिट फिल्म ‘मिस्टर इंडिया’ का है.
दामिनी
“ये अदालत है, कोई मंदिर या दरगाह नहीं जहां मन्नतें और मुरादें पूरी होती हैं
यहां धूप बत्ती और नारियल नहीं,बल्कि ठोस सबूत और गवाह पेश किए जाते हैं.”-
अमरीश पूरी का यह डायलॉग सन्नी देओल के सुपरहिट फिल्म ‘दामिनी’ का है
दिलजले
“यहां तो सभी दिलजले हैं”- अजय देवगन की फिल्म दिलजले का फेमस डायलॉग आज भी लोगों का हॉट फेवरेट है