Aligarh News: पेट में छोड़े सर्जिकल स्पंज, AMU मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर ने निकाला बाहर
अलीगढ़ के निजी अस्पतालों में सर्जनों द्वारा तीन मरीजों के पेट में सर्जिकल स्पंज छोड़ दिए गए. जिन्हें एएमयू के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के सर्जनों ने समय पर सर्जरी करके बाहर निकाला.
Aligarh News: ऑपरेशन करते समय पेट में कैंची और घड़ी छोड़ने के लापरवाही के मामले अक्सर सामने आते रहते हैं. ऐसा ही एक मामले अलीगढ़ से सामने आया है, जहां निजी अस्पतालों में सर्जनों द्वारा मरीजों के पेट में सर्जिकल स्पंज छोड़ दिए गए, जिसके बाद एएमयू के जेएन मेडिकल कॉलेज में 3 रोगियों के पेट में सर्जिकल स्पंज को बाहर निकाला गया.
सीटी स्कैन के बाद खुला राज
दरअसल, सर्जरी विभाग के अध्यक्ष प्रो अफजाल अनीस ने बताया कि, दो रोगियों के शरीर में निजी चिकित्सकों द्वारा कोलेसिस्टेक्टोमी रिसेक्शन के बाद पेट में सर्जिकल स्पंज छोड़ दिए थे, जबकि अन्य एक मरीज की हिस्टेरेक्टामी प्रक्रिया के बाद कपास स्पंज छोड़ दिया गया था. जिससे मरीज बुखार, उल्टी और दर्द से पीड़ित थे. जब उनका सीटी स्कैन किया गया तो गासिपिबोमा का पता चला, जिसे ऑपरेशन के बाद पेट से बाहर निकाल दिया गया.
क्या होते हैं सर्जिकल स्पंज
सर्जिकल स्पंज एक विशेष स्पंज या पैड है, जिसका उपयोग सर्जरी में किया जाता है. सर्जिकल साइट से तरल पदार्थ को अवशोषित करने के लिए एक सर्जिकल स्पंज का उपयोग किया जाता है. इसका उपयोग एक सर्जन रक्तस्राव को नियंत्रित करने के लिए भी करता है. सर्जिकल स्पंज आमतौर पर डिस्पोजेबल होते हैं और बायोझार्ड कंटेनरों में सर्जरी के बाद छोड़ दिए जाते हैं. अगर सर्जिकल स्पंज किसी मरीज के अंदर छोड़ दिया जाता है, उसे गासिपिबोमा कहते हैं.
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मरीज की हो सकती है मौत
एएमयू के प्रो अफजाल अनीस ने कहा कि यह बात चौंकाने वाली है कि प्रतिकूल घटनाओं को कम करने के लिए व्यापक परामर्श के बाद विकसित डब्ल्यूएचओ सर्जिकल सेफ्टी चेकलिस्ट के बावजूद अस्पतालों में इस तरह की गंभीर त्रुटियां अभी भी होती हैं. रोगी के शरीर में किसी सर्जिकल सामान के छूट जाने से मरीज को दर्द, संक्रमण अथवा अंग क्षति का सामना करना पड़ सकता है या उसकी मौत भी हो सकती है.
रिपोर्ट चमन शर्मा, अलीगढ़