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AMU: डिग्री मामले में प्रोफेसर एमजे वारसी ने दानिश को भेजा कानूनी नोटिस, दायर करेंगे मानहानि का मुकदमा

एएमयू के भाषा विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर एमजे वारसी ने दानिश रहीम पर मानहानि का मुकदमा दायर करने की बात कही है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 1, 2021 8:54 PM
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Aligarh News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करने पर एएमयू इंतजामियां के द्वारा पीएचडी डिग्री वापस लेने के दानिश रहीम के मामले ने नया मोड़ ले लिया है. एएमयू के भाषा विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर एमजे वारसी ने दानिश रहीम पर मानहानि का मुकदमा दायर करने की बात कही है. पीएचडी डिग्री वापसी मामले को लेकर एएमयू ने 2 सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी है.

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय पर पीएचडी डिग्री वापस लेने के दानिश रहीम के आरोपों के मामले में भाषा विज्ञान के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर एमजे रिजवी ने कहा कि डॉ. दानिश रहीम का यह आरोप कि माननीय पीएम की प्रशंसा के कारण उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है, पूरी तरह से गलत है. मैं उनसे अपने कार्यालय या अन्य जगहों पर कभी नहीं मिला. वास्तव में, मेरी उनसे टेलीफोन पर भी कभी बातचीत नहीं हुई. जहां तक उनके पीएचडी डिग्री से संबंधित मुद्दों की बात है, वह ध्यान भटकाने का प्रयत्न कर रहे हैं.

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प्रोफेसर वारसी ने बताया कि वह इस सम्बन्ध में कानूनी राय ले रहे हैं और जल्द ही कानूनी कार्यवाही करेंगे. उन्होंने कहा कि मैं उन्हें एक कानूनी नोटिस भेज रहा हूं और डॉ. दानिश रहीम द्वारा लगाए गए निराधार आरोपों पर कानूनी राय ले रहा हूं. उनके खिलाफ मानहानि का मुक़दमा दायर करूंगा क्योंकि उनके उत्पीड़न के आरोप पूरी तरह से दुर्भावनापूर्ण इरादों के साथ उनकी कल्पना की उपज है.

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विश्वविद्यालय प्रवक्ता साफे किदवई ने बताया कि डॉ. दानिश रहीम ने लैंग्वेज फार एडवरटाइजिंग, मार्केटिंग एंड मीडिया कोर्स में पीएचडी के लिए सत्र 2016-17 में आवेदन किया था. इसके बाद, उन्होंने पीएचडी (लैम) पाठ्यक्रम में प्रवेश लिया. दानिश रहीम द्वारा जमा किया गया आवेदन पत्र और उनके स्वयं के हस्ताक्षर और अंगूठे के निशान के साथ भरा गया प्रवेश पत्र विश्वविद्यालय के रिकार्ड में है. लेकिन टाइपिंग की गलती और चूक के कारण उन्हें गलती से भाषा विज्ञान में पीएचडी की डिग्री जारी कर कर दी गयी. डॉ. दानिश रहीम ने लैम में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की थी और इस प्रकार वह भाषाविज्ञान में पीएचडी के लिए पात्र नहीं हैं.

मामले की जांच करेगी 2 सदस्यीय समिति

एएमयू प्रवक्ता साफेो किदवई ने कहा कि चूक हुई है. इस मामले की गहनता से छानबीन करने और डॉ. दानिश रहीम की शिकायत की जांच करने के लिए प्रो. मेहदी अब्बास रिजवी, पूर्व डीन, इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संकाय और प्रो. आर.के. तिवारी, प्राचार्य, डॉ. जेड. ए. डेंटल कॉलेज की एक इन्क्वायरी समिति का गठन किया गया है. यह दो सदस्यीय कमेटी जल्द ही अपनी रिपोर्ट देगी. डॉ. दानिश रहीम को अपनी पीएचडी डिग्री में आवश्यक सुधार कराने के लिए कहा गया है ताकि उनकी डिग्री में त्रुटियों को सुधारा जा सके.

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क्या है पूरा मामला

दानिश रहीम के मुताबिक, पीएम मोदी की तारीफ करने के कारण उनसे पीएचडी की डिग्री वापस मांगी गई है. उनका आरोप है उन्हें लिंग्विस्टिक्स की डिग्री लौटाने को कहा गया और एलएएमएम (लैंग्वेज ऑफ एडवरटाइजिंग इन मार्केटिंग) डिग्री लेने की सलाह दी गई है. दानिश के मुताबिक पीएम मोदी की तारीफ करने के कारण उन्हें पीएचडी डिग्री लौटाने के निर्देश मिले हैं.

(रिपोर्ट- चमन शर्मा, अलीगढ़)

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