अलीगढ़: AMU की शोध छात्रा ने प्रोफेसर पर लगाए गंभीर आरोप, यूनिवर्सिटी की जांच में मिल चुकी है क्लीन चिट
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय कि एक डिपार्टमेंट की शोध छात्रा ने प्रोफेसर पर जांच प्रभावित करने का आरोप लगाया है. शोध छात्रा ने एक वीडियो जारी कर प्रोफेसर पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वे हमेशा गंदे कमेंट करते थे. मेरे कपड़े, बॉडी, आंखों, होठों पर गंदे कमेंट करते थे.
Aligarh : अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय कि एक डिपार्टमेंट की शोध छात्रा ने प्रोफेसर पर जांच प्रभावित करने का आरोप लगाया है. शोध छात्रा ने एक वीडियो जारी कर प्रोफेसर पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि 2017 में उसका चयन शोध के लिए हुआ था. छात्रा का आरोप है कि प्रोफेसर हमेशा शाम को बुलाते थे और साथ में बैठा कर काम कराना चाहता थे. जिसके लिए मैंने इंकार कर दिया था.
प्रोफेसर हमेशा गंदे कमेंट करते थे. छात्रा ने बताया कि मेरे कपड़े, बॉडी, आंखों, होठों पर गंदे कमेंट करते थे. जिसे मैं नजरअंदाज कर देती थी, लेकिन प्रोफेसर का चेंबर जब पीछे की तरफ शिफ्ट किया गया. तब तो उन्होंने सीमा ही लांघ दिया. छात्रा ने कहा कि मेरे लिए यह सहन करना बड़ा मुश्किल होता जा रहा था. मैं बस इस इंतजार में थी कि मेरा जल्दी पीएचडी सबमिशन हो और प्रोफेसर के चंगुल से आजाद हो जाऊं. छात्रा का प्री सबमिशन हो गया था, लेकिन प्रोफेसर ने इस पर कोई कमेंट नहीं दिया और न ही डिपार्टमेंट में किसी भी प्रकार का प्रतिक्रिया दिया है.
प्रोफेसर गलत जगह हाथ टच करते थे
छात्रा ने आरोप लगाया कि प्रोफेसर साथ बैठने के लिए मजबूर करते थे, जब भी उनके साथ बैठी, उसके हाथ गलत जगह पर चलते थे और गलत जगह टच करते थे. इसलिए प्रोफेसर के साथ बैठकर थीसिस कंप्लीट नहीं की. इस कारण मुझसे चिढ़े थे और उनका इगो हर्ट हुआ. प्रोफेसर कहते थे कि तुमने मेरी बात नहीं मानी और मुझे कोई फायदा नहीं हुआ, इसलिए मैं तुम्हारा थीसिस क्यों जमा कराऊं.
प्रोफेसर पर आरोप है कि मेरी बात मानती तो तुम्हें फायदा होता, लेकिन तुमने फायदा नहीं लिया. तुम्हें जहां पीएचडी करनी है. वहां कर लो, मैं नहीं करवाऊंगा. प्रोफेसर ने शोध छात्र से कहा कि जिससे शिकायत करनी है कर दो. मैं कुलपति से भी नहीं डरता. मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता.
इंटरनल कंप्लेंट्स कमिटी ने प्रोफेसर को दी क्लीनचिट
छात्रा ने बताया कि AMU प्रशासन को मेल किया, लेकिन उसका कोई जवाब नहीं मिला. रजिस्ट्रार ने उस मेल को इंटरनल कंप्लेन कमेटी को भेज दिया और जांच करने के लिए कहा. लेकिन उसकी जांच नहीं हुई. केवल एक मीटिंग में रिपोर्ट की जांच तैयार कर दी. जिसमें आरोपी प्रोफेसर को क्लीन चिट दे दी.
छात्रा ने आरोप लगाया कि AMU प्रशासन इस तरह की गंदी हरकत को प्रोत्साहन दे रहा है. छात्रा ने बताया कि मैं सबुत जमा करना चाहती थी. हालांकि, शोध छात्रा ने प्रोफेसर के खिलाफ छेड़छाड़ और उत्पीड़न का मुकदमा थाना सिविल लाइन में दर्ज कराया है. जिसकी जांच जारी है.
रिपोर्ट- आलोक, अलीगढ़