Aligarh Muslim University में कुलपति पैनल से पहले छात्रों का प्रदर्शन, RSS से जुड़ा VC नहीं चाहिए के नारे लगे
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में सोमवार को एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक में स्थाई कुलपति का पैनल बनने से पहले छात्रों ने सर सैयद हाउस पर पोस्टर लेकर प्रदर्शन किया. इस दौरान छात्रों ने बताया कि उन्हें आरएसएस से जुड़ा हुआ कुलपति नहीं चाहिए.
अलीगढ : अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में सोमवार को एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक में स्थाई कुलपति का पैनल बनने से पहले छात्रों ने सर सैयद हाउस पर पोस्टर लेकर प्रदर्शन किया. इस दौरान छात्रों ने बताया कि उन्हें आरएसएस से जुड़ा हुआ कुलपति नहीं चाहिए. इस दौरान प्राक्टर की टीम छात्रों को हटाने के लिए पहुंची. वही मीटिंग में शामिल होने के लिए आने वाले प्रोफेसर उमेश कर्दम ने छात्रों का मेमोरेंडम लिया. छात्रों ने कहा कि पिछले कुलपति का चयन सही नहीं किया गया, लेकिन इस बार एग्जीक्यूटिव काउंसिल के सदस्य ऐसे कुलपति का चयन करें, जो विश्वविद्यालय के हित में काम करें, न कि अपने जाती हित में काम करें. इस दौरान बैठक में शामिल होने के लिए पहुंच रहे लोगों को छात्रों ने ज्ञापन सौंपा.
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति और एमएलसी तारिक मंसूर का कार्यकाल विवादों से भरा रहा और कार्यकाल पूरा करके जाते-जाते भी विवादों ने तारिक मंसूर का पीछा नहीं छोड़ा, जिसकी वजह से उनकी कार्यशैली पूरी तरह धूमिल हुई और अलीग बिरादरी में उनका सम्मान कम होता रहा. हद तो तब हो गई जब कोरोना का बहाना बनाते हुए तारिक मंसूर ने एक साल का एक्सटेंशन अगले वीसी का चुनाव कराने के लिए मांगा था, लेकिन एक साल के एक्सटेंशन पीरियड में भी कोई काम किए बिना और अगले कुलपति की चयन प्रक्रिया कारवाये बिना ही रातों-रात भगोड़ों की तरह अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ कर भाग गये.
करीब 6 महीने से प्रोफेसर मोहमम्द गुलरेज़ के पास कार्यकारी कुलपति का चार्ज होने के बाद भी जब कुलपति की चयन प्रक्रिया शुरू नहीं हो रही थी, तो एएमयू कैंपस में छात्रों एवं टीचरों ने “SAVE ACT, SAVE AMU” के नाम से आंदोलन चलाया, जिसको कामयाबी मिली और अब अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के नए कुलपत् की चयन प्रक्रिया शुरू हो गई है.
आरएसएस से जुड़ा कुलपति नहीं चाहिएइसी क्रम में सोमवार को एएमयू की एग्जीक्यूटिव काउंसिल (ईसी) की मीटिंग है, जिसमें अपेक्षित सभी उम्मीदवारों में से पांच का चयन करके नाम यूनिवर्सिटी कोर्ट को भेजे जाएंगे. इसी मौके पर सभी की निगाहें ईसी मेंबर्स और उनके फैसले पर टिकी हुई हैं. कल तक एएमयू कैंपस में और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से जुड़े हुए लोगों के बीच सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बहुत सारी अफवाहें और बहुत सारी खबरें भी गर्दिश करती रही. सुबह नौ बजे जब ईसी की मीटिंग शुरू होनी थी, कुछ छात्र सर सैयद हाउस पहुंचे, जहां ईसी की मीटिंग होनी थी. छात्रों ने शांतिपूर्वक तरीके से प्ले कार्ड, पोस्टर हाथ में लेकर अपना संदेश दिया, अलग-अलग प्ले कार्ड पर अलग-अलग स्लोगन लिखे हुए थे, जिस पर हमें संघी वीसी नहीं चाहिए , हमें लालची वीसी नहीं चाहिए , विश्वविद्यालय के हित में काम करने वाला कुलपति चाहिए, लिखे थे.
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कुलपति की कुर्सी पर गलत व्यक्ति स्वीकार नहींछात्रों ने यह भी कहा कि गलत इंसान के चयन से क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं. यह सब तजुर्बा पिछले 6 साल में किया और विश्वविद्यालय इससे ज्यादा एक गलत आदमी को वॉइस चांसलर की कुर्सी पर बर्दाश्त करने के लिए तैयार नहीं है और न ही विश्वविद्यालय के छात्र इसके लिए तैयार हैं . अगला कुलपति भी अगर कोई तारिक मंसूर की तरह गलत आदमी को चुना गया तो चुनने वाले ईसी मेंबरों की जवाबदेही तय की जाएगी. इस मौके पर छात्रों की प्रॉक्टर टीम से नोक झोंक भी हुई, डिप्टी प्रॉक्टर प्रोफेसर नवाज ज़ैदी ने छात्रों से कहा कि अब वीसी पैनल बन रहा है तो फिर अब क्यों आए हो, तो छात्रों ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा की लगता है आपको वीसी पैनल प्रक्रिया शुरू होने की बहुत तकलीफ हुई है. राष्ट्रपति नॉमिनी, प्रोफेसर उमेश कदम जब अपनी गाड़ी से सर सैय्यद अकादमी की तरफ आए तो प्रॉक्टीरियल टीम ने छात्रों को छुपाने के लिए सभी गार्डों को उनके सामने लाइन बनाकर खड़ा कर दिया, तो प्रोफेसर उमेश कर्दम ने अपनी गाड़ी रुकवा कर गार्डों से हटने के लिए कहा और छात्रों को अपने पास बुलाकर उनकी पूरी बात सुनी. मेमोरेंडम लिया और उनकी लगन और विश्वविद्यालय के लिए उनके प्रेम को देखते हुए उन्हें शुभकामनाएं भी दी. इस मौके पर छात्र खुर्रम, अल्तमश, यासिर, जुनैद, ओवैस, रियाज, राशिद, जेडी, मुजाहिद आदि छात्र मौजूद रहे.