अलीगढ़. उत्तर प्रदेश विधान परिषद के लिए मनोनीत किए जाने के बाद अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने अपना कार्यकाल खत्म होने से कुछ हफ्ते पहले मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. एएमयू के रजिस्ट्रार मोहम्मद इमरान ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया है कि विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज़ अगले कुलपति की नियुक्ति तक कुलपति के रूप में काम करेंगे. प्रो तारिक ने पद छोड़ने से पहले शिक्षकों, नॉन टीचिंग स्टाफ, स्टूडेंट सभी लोगों को सहयोग करने के लिए धन्यवाद दिया है.विधान परिषद सदस्य बनाए जाने को लेकर भाजपा को भी धन्यवाद देना नहीं भूले हैं.
प्रोफ़ेसर तारिक मंसूर को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली योगी सरकार ने राज्य विधान परिषद के सदस्य के तौर पर मनोनीत किया है. सोमवार रात इसकी आधिकारिक अधिसूचना भी जारी कर दी गई. मंसूर ने तीन- चार अप्रैल की रात को विश्वविद्यालय के छात्रों और कर्मचारियों को लिखे एक खुले पत्र में कहा, ‘‘ जैसा कि मैं पद छोड़ रहा हूं, यह आखिरी बार है जब मैं आपको कुलपति के रूप में संबोधित कर रहा हूं. मुझे अच्छे और चुनौतीपूर्ण समय के दौरान छह साल तक संस्थान की सेवा करने का अवसर मिला. 5 दशक पहले एक छात्र के रूप में एएमयू में यात्रा शुरू की थी ’’
प्रोफेसर मंसूर ने इस अवधि के दौरान विशेष रूप से कोविड-19 महामारी से उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए एएमयू समुदाय को धन्यवाद दिया. प्रोफेसर मंसूर ने 17 मई 2017 को पांच साल की अवधि के लिए कुलपति के रूप में पदभार ग्रहण किया था. उनका कार्यकाल पिछले साल मई में समाप्त होना था लेकिन महामारी से उत्पन्न असाधारण परिस्थितियों के मद्देनजर केंद्र सरकार ने उनका कार्यकाल एक वर्ष के लिए बढ़ा दिया था. प्रोफेसर तारिक मंसूर राज्य विधान परिषद में राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी और राज्य हज कमेटी के अध्यक्ष मोहसिन रजा के बाद भाजपा के तीसरे मुस्लिम सदस्य होंगे.