Jharkhand News: पश्चिमी सिंहभूम के जैंतगढ़ में हाईटेंशन तार ने एक हाथी की ली जान, कौन है जिम्मेवार?
पूर्वी सिंहभूम के जादूगोड़ा के बाद पश्चिमी सिंहभूम के जैंतगढ़ में बिजली करंट से एक हाथी की मौत की खबर सामने आयी है. खेत में झूलते हाईटेंशन तार की चपेट में आने से हाथी की मौत हुई. एक साल पहले भी इसी जगह पर दो बैलों की करंट लगने से मौत हो चुकी है. इसके बावजूद बिजली विभाग गंभीर नहीं है.
Jharkhand News: झारखंड में बिजली करंट से हाथियों की मौत का मामला रूक नहीं रहा है. पूर्वी सिंहभूम के जादूगोड़ा के बाद अब पश्चिमी सिंहभूम के जैंतगढ़ में खेत में झूलते हाईटेंशन तार की चपेट में आने से एक मादा हाथी की मौत हो गयी. पिछले साल भी इसी जगह पर करंट लगने से दो बैलों की मौत हो चुकी है.
बिजली विभाग की लापरवाही से हाथी की गयी जान
बिजली विभाग की लापरवाही और झूलते तारों की चपेट में आने से विशालकाय मादा जंगली हाथी का जीवन छीन लिया. घटना पश्चिमी सिंहभूम जिला अंतर्गत नोवामुंडी वन क्षेत्र स्थित जैंतगढ़ बीट के जुगीनांदा गांव के पास हेसाडीपा की बतायी जा रही है. जानकारी के अनुसार, 23 जंगली हाथियों का झुंड ओड़िशा की ओर से इस क्षेत्र में आकर विचरण कर रहा है. हाथियों का झुंड जामपानी, डॉऊबेड़ा, दीरीबुरु और धोड़ीपाट के जंगल में विचरण कर रहा है. इसी बीच इस झुंड से एक मादा हाथी भटककर घटनास्थल की ओर आ गई, जहां हाईटेंशन तार की चपेट में आने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई.
घटना की कहानी ग्रामीणों की जुबानी
जुगीनंदा गांव के ग्रामीण मुंडा उमेश जेराई और डाकुवा संजय जेराई ने बताया कि रात करीब एक बजे घटनास्थल से बिजली की चड़चड़ाहट के साथ ही हाथी के चिंघाड़ने की आवाज आयी. ग्रामीणों ने आग के जलने और हाथी की दर्दनाक चीख भी सुनी थी. सुबह घटनास्थल पहुंचे, तो उक्त जगह पर एक हथिनी मृत पड़ी मिली. इसके बाद सुबह में ग्रामीण मुंडा ने घटना की जानकारी विद्युत विभाग, वन विभाग एवं जगन्नाथपुर थाना को दिया. खबर मिलते ही वन विभाग के लोग घटनास्थल पर पहुंचे. इसके बाद हथिनी की मौत की खबर गांव में जंगल की आग की तरह फैल गयी और देखते ही देखते ग्रामीणों की भीड़ जुट गयी. वहीं, इस मामले को लेकर बिजली विभाग की लापरवाही भी चर्चा का विषय बना रहा.
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ग्रामीणों ने बताया इस क्षेत्र में जगह-जगह 11 हजार और 440 वोल्ट के तार झूल रहे हैं. कहीं-कहीं तो ऊंचाई इतनी कम है कि तार को हाथ लपककर पकड़ा भी जा सकता है. घटनास्थल पर भी तार की ऊंचाई काफी कम है. एक साल पहले भी दो बैलों की मौत इसी जगह पर हो चुकी थी. इसी स्थान पर बिजली की तार के चपेट में आने से दो बैलों की मौत हो गयी थी.
वन और विद्युत विभाग की लापरवाही आयी सामने
ग्रामीण मुंडा उमेश जराई ने बताया कि वन विभाग और विद्युत विभाग दोनों लापरवाह है. हाथी हर साल क्षेत्र में जान-माल की भारी क्षति पहुंचा रहा है. इसके बावजूद विभाग ने अब तक तक कोई व्यवस्था नहीं की है. बिजली विभाग पूरी तरह लापरवाह है. जगह- जगह बिजली के तार झूल रहे हैं, लेकिन सुधार के लिए विभाग तनिक भी गंभीर नहीं है. बिजली विभाग के जूनियर इंजीनियर दीपक कुमार ने बताया कि घटना की जानकारी मिली है. विभाग के लोग घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं. हाथी की मौत के कारण और आगे की कार्रवाई पर विचार किया जा रहा है.
करंट से मृत हाथी के शव का हुआ पोस्टमार्टम, डीएफओ बोले होगी उचित कार्रवाई
बिजली की तार की चपेट में आने वाले मृत हाथी का पोस्टमार्टम करने के बाद अंतिम संस्कार कर दिया गया. डीएफओ सत्यम कुमार और वन कर्मियों की देखरेख में पशु चिकित्सक कुंदन कुमार और उनकी टीम ने हाथी का पोस्टमार्टम किया. पोस्टमार्टम के बाद ग्रामीण मुंडा और ग्रामीणों के सुझाव पर जेसीबी मशीन द्वारा गड्ढा खोदकर हाथी के मृत शरीर को दफन किया गया. वहीं, डीएफओ सत्यम कुमार ने कहा हाईटेंशन तार की चपेट ने आने से हाथी की मौत हुई है. पूर्व में भी तार की चपेट ने आने से कई पशुओं के मारने की शिकायत मिली है. कहा कि इस मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी. इधर, डॉ कुंदन कुमार ने कहा कि मृत हाथी का पोस्टमार्टम किया गया है. रिपोर्ट विभाग को दी जाएगी. हाथी के सुंड में बिजली करंट का घाव देखने को मिला है. पूरा रिपोर्ट विभाग को भेज दिया जाएगा.