कानपुर: आनंदेश्वर मंदिर कॉरिडोर के दूसरे चरण का काम जनवरी 2024 से होगा शुरू, कंपनी ने किया सर्वे, जानें डिटेल
कानपुर में मंदिर का भव्य मुख्य द्वार बनेगा. गंगा आरती के लिए तट पर स्थल भी बनाया जाना है. मंदिर के मुख्य द्वार से दाहिनी तरफ जाकर गंगा के अंदर से मंदिर की सीढ़ियों तक एलिवेटेड मार्ग बनेगा. इसी पर आरती स्थल और सेल्फी प्वाइंट भी बनेगा. यह मार्ग गंगा में 2010 में आई बाढ़ को ध्यान में रखकर बनेगा.
Kanpur News: परमट स्थित आनंदेश्वर मंदिर को कॉरिडोर के रूप में विकसित करने का काम तेजी से चल रहा है. प्रथम चरण का काम लगभग पूरा हो गया है. दिसंबर तक दीवारों पर पत्थर लग जाएंगे. इसी के साथ ही जनवरी में दूसरे चरण का काम शुरू हो जाएगा. नगर निगम द्वारा अधिकृत कंपनी ने मंदिर में सर्वे शुरू कर दिया है. यह काम अगले हफ्ते तक पूरा हो जाएगा.इसके बाद जनवरी से निर्माण शुरू होगा. 25 करोड़ की लागत से तीन फेज में कॉरिडोर का काम पूरा होना है. पहले चरण में छह करोड़ रुपए से कम हो रहा है. जागेश्वर महादेव मंदिर आजाद नगर, सिद्धनाथ मंदिर जाजमऊ, पंचमुखी हनुमान मंदिर और आनंदेश्वर मंदिर को कॉरिडोर के रूप में विकसित करने सकी योजना है. फिलहाल आनंदेश्वर मंदिर के सुंदरीकरण का काम स्मार्ट सिटी मिशन के तहत हो रहा है. वीआईपी रोड पेट्रोल पंप के पास से मंदिर तक सड़क चौड़ीकरण,नाले को ढकने और वाहनों के लिए पर्याप्त पार्किंग की व्यवस्था की जा चुकी है. दीवारों पर पत्थर लगाए जा रहे हैं.दूसरे चरण में गंगा किनारे मंदिर परिसर तक के लिए मार्ग का निर्माण होना है.
सुंदरीकरण के लिए होंगे ये काम
योजना के तहत कानपुर में मंदिर का भव्य मुख्य द्वार बनेगा. गंगा आरती के लिए तट पर स्थल भी बनाया जाना है. मंदिर के मुख्य द्वार से दाहिनी तरफ जाकर गंगा के अंदर से मंदिर की सीढ़ियों तक एलिवेटेड मार्ग बनेगा. इसी पर आरती स्थल और सेल्फी प्वाइंट भी बनेगा. यह मार्ग गंगा में 2010 में आई बाढ़ को ध्यान में रखकर बनेगा ताकि कभी भी ऐसी बाढ़ आए तो इस मार्ग में बाढ़ का पानी न भरें. इस पर सुरक्षा रेलिंग भी बनेगी. एलईडी लाइट भी लगाई जाएगी ताकि यह संध्या होते ही दूधिया रोशनी से नहा उठे. मुख्य गेट से ग्रीन पार्क स्टेडियम तक के मार्ग को भी संवरा जाएगा. यह सभी कार्य दूसरे चरण में होंगे.तीसरे चरण में कन्वेंशन सेंटर व अन्य सुविधाओं का विकास होगा.
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मुख्य गेट से त्रिशूल तक हटेगा कब्जा
मुख्य गेट से त्रिशूल वाले गेट तक अभी दुकानदारों ने दुकाने सजा रखी है. ऐसे ने वहां तक आना जाना मुश्किल होता है.एक तो दुकानदारों ने दुकान आगे बढ़ा रखी है दूसरा पशु भी इसी मार्ग में टहला करते हैं. लोग दो पहिया वाहन लेकर अंदर तक आते जाते रहते है.इससे भी परेशानी होती है.इन समस्याओं के समाधान के लिए ही कॉरिडोर के प्रोजेक्ट मव कब्जा मुक्ति को भी शामिल किया गया है.