Anant Chaturdashi 2020 Date And shubh Muhurat: अनंत चतुर्दशी का विशेष महत्व है. आज भाद्रपद शुक्लपक्ष त्रयोदशी दिन-08:30 उपरांत चतुर्दशी हो जाएगा. भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन अनंत चतुर्दशी मनाई जाती है. इस साल अनंत चतुर्दशी के दिन कई शुभ संयोग बन रहे हैं. जिनमें अनंत चतुर्दशी की पूजा का कई गुना लाभ प्राप्त कर सकते हैं. यह प्रसिद्ध पर्व आज मंगलवार 01 सितंबर, 2020 को मनाया जा रहा है. उदयकाल से लेकर तीन मुहूर्त तक व्याप्त चतुर्दशी को करने का शास्त्र सम्मत विधान है. आज के दिन अनंत कथा सुनने, अनंत धारण करने के साथ मीठा पकवान भगवान विष्णु को अर्पित कर प्रसाद स्वरूप परिजनों सहित ग्रहण करना पूर्ण फलदायी है. इस दिन अनंत रूप में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है, जो अनंत नाम से जाने एवं पूजे जाते हैं. भगवान विष्णु ही संपूर्ण जगत के एकमात्र अधिपत्य स्वामी हैं.
अनंत चतुर्दशी का संबंध महाभारतकाल से है. कथा अनुसार, कौरवों से जुआ हारने के बाद पांडव वन-वन भटक रहे थे तब श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर से कहा- हे धर्मराज! जुआ खेलने के कारण देवी लक्ष्मी आप से रुष्ट हो गयी हैं. उन्हें प्रसन्न करने के लिए आपको अपने भाइयों के साथ अनंत चतुर्दशी का व्रत रखना चाहिए.
विधि अनुसार, भाद्रशुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को केसरिया धागे से चौदह गांठ लगाकर कच्चे दूध में डुबोकर ‘ऊँ अनन्ताय नम:’ मंत्र से भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए. श्रीकृष्ण के कहने पर सर्वप्रथम पांडवों ने अनंत का व्रत किया, जिससे खोया हुआ राज्य और लक्ष्मी को पुन: प्राप्त किया.
ज्योतिर्विद डॉ श्रीपति त्रिपाठी के अनुसार, सोमवार (31 अगस्त 2020) को प्रात 8 बजकर 30 मिनट के बाद अनंत चतुर्दशी तिथि लग गया है. शास्त्रों के अनुसार उदयातिथि में दिनभर भक्तगण भगवान अनंत की पूजा करेंगे.
अग्नि पुराण के अनुसार अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा की जाती है, इस दिन सबसे पहले स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करके इस व्रत का संकल्प लें. इसके बाद मंदिर में कलश स्थापना करके भगवान विष्णु की तस्वीर लगाएं. अब एक डोरी को कुमकुम, केसर और हल्दी से रंगकर इसमें 14 गांठें सगा लें. अब इसे भगवान विष्णु जी को चढ़ाकर पूजा शुरू करें.
अनंत संसार महासुमद्रे मग्रं समभ्युद्धर वासुदेव।
अनंतरूपे विनियोजयस्व ह्रानंतसूत्राय नमो नमस्ते।।
News Posted by : Radheshyam Kushwaha