Jharkhand: अद्भुत है रामगढ़ के टूटी झरना का प्राचीन शिव मंदिर, शिवलिंग पर साल भर बहती है अविरल जलधारा

Jharkhand: यह प्राचीन शिव मंदिर (Tuti Jharna Ancient Shiv Temple) झारखंड की राजधानी से सटे रामगढ़ जिला में स्थित है. टूटी झरना के इस प्राचीन शिव मंदिर को धार्मिक स्थल के साथ-साथ पर्यटन स्थल (Tourist Spot) के रूप में विकसित किया जा रहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 25, 2022 5:40 PM

Jharkhand: झारखंड में एक ऐसा प्राचीन शिव मंदिर है, जहां शिवलिंग पर निरंतर जलधारा गिरती रहती है. यह श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र तो है ही, पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है. यहां क्रिसमस (Happy Christmas) से लेकर न्यू ईयर (Happy New Year) और गणतंत्र दिवस (Happy Republic Day) यानी 26 जनवरी तक पर्यटकों की भीड़ रहती है. यहां एक हैंड पंप भी है, जिसे चलाने की जरूरत नहीं पड़ती. उससे खुद-ब-खुद पानी निकलता रहता है.

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रामगढ़ जिला में जनवरी तक रहती है पर्यटकों की भीड़

यह प्राचीन शिव मंदिर (Tuti Jharna Ancient Shiv Temple) झारखंड की राजधानी से सटे रामगढ़ जिला में स्थित है. टूटी झरना के इस प्राचीन शिव मंदिर को धार्मिक स्थल के साथ-साथ पर्यटन स्थल (Tourist Spot) के रूप में विकसित किया जा रहा है. यहां दिसंबर से लेकर जनवरी तक पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है. लोग मंदिर में पूजा के साथ-साथ मंदिर के आस-पास पिकनिक (Picnic Spot) मनाने के लिए भी पहुंचते हैं. मंदिर तक पहुंचने के लिए कई मार्ग हैं.

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रांची-पटना एनएच 33 से होकर मंदिर तक पहुंचना बेहद आसान है. फोरलेन से भी यहां पहुंच सकते हैं. रामगढ़ से आठ किलोमीटर की दूरी पर और कुजू से दक्षिण दिशा में पांच किलोमीटर की दूरी पर टूटी झरना मंदिर है. मंदिर का रहस्य अद्भुत है. मंदिर के गर्भगृह में स्थित शिवलिंग के ऊपर सालों भर जल की धारा गिरती रहती है.

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मां गंगा स्वयं करती हैं भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक

मान्यता है कि शिवलिंग पर कोई और जलाभिषेक नहीं करता. मां गंगा स्वयं भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करती हैं. शिवलिंग पर निरंतर बहती जलधारा से लोगों में हमेशा रोमांच बना रहता है कि आखिर यह जल अपने आप कहां से आता है. वैज्ञानिकों ने भी इसे जानने का प्रयास किया, लेकिन अब तक कोई विशेष जानकारी हासिल नहीं हो पायी है.

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हैंड पंप चलाने की जरूरत नहीं, गिरता रहता है पानी

मंदिर के समीप एक हैंडपंप भी लगा है. यह भी रहस्य से घिरा है. यहां लोगों को पानी के लिए हैंड पंप चलाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है. इसमें से अपने आप पानी नीचे गिरते रहता है. यहां लोग पूजा से पहले स्नान करते हैं. मंदिर के पास से एक नदी गुजरती है. इसमें पानी नहीं के बराबर रहता है. यह नदी गर्मी में पूरी तरह सूख जाती है. इसके बाद भी हैंडपंप से चौबीस घंटे तक पानी गिरते रहता है.

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सरकार ने टूटी झरना मंदिर को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की पहल शुरू कर दी है. जिला प्रशासन ने डीएमएफटी फंड से पहले फेज में करीब 2.32 करोड़ रुपये की लागत से विवाह भवन, महिला पुरुषों के लिए शौचालय, मार्केट, कैफेटेरिया समेत अन्य भवनों का निर्माण कराया है. पर्यटक स्थल के रूप में विकास होने पर यहां के सैकड़ों लोगों को रोजगार मिलेगा.

रामगढ़ के कुजू से धनेश्वर प्रसाद की रिपोर्ट

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