मयूरहंड प्रखंड में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों का हाल बुरा हाल है. 59 आंगनबाड़ी केंद्रों में कई ऐसे आंगनबाड़ी केंद्र हैं, जहां नौनिहालों को शिक्षा मुहैया कराने के नाम पर सिर्फ खानापूरी की जा रही है. इस मामले में विभागीय पदाधिकारी पूरी तरह लापरवाह बने हुए हैं. सोमवार को करमा स्थित आंगनबाड़ी केंद्र भाग-2 में दोपहर 12:15 बजे तक केंद्र में बच्चों की उपस्थिति जीरो थी. केंद्र की सेविका उषा कुमारी व सहायिका कुर्सी पर बैठी थीं.
वहीं लराही स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में नामांकित 30 बच्चों में मात्र तीन बच्चे ही उपस्थित थे, जिन्हें सेविका व सहायिका द्वारा शिक्षा दी जा रही थी. दोनों केंद्र में मेनू के अनुसार खिचड़ी, हलुआ, चना, सूजी, बादाम देने का काम बंद था. करमा केंद्र की सेविका उषा कुमारी ने कहा कि बच्चे केंद्र नहीं पहुंचते हैं, तो इसका जिम्मेवार हम नही हैं. भवन की छत का प्लास्टर टूट कर गिरता है.
शौचालय में पानी की व्यवस्था नही है. सेविका रेखा देवी ने कहा कि खराब मौसम के कारण उपस्थिति प्रभावित है. केंद्र में चापानल खराब है. केंद्र की सहायिका सरस्वती देवी नौनिहालों को प्यास बुझाने के लिए 300 मीटर दूर से पानी लाती हैं. सहायिका ने कहा कि कई बार विभागीय सूचना पीएचइडी को दी गयी्र, लेकिन अब तक चापानल नहीं बनाया गया.