UP News: कुत्ते के काटने पर नहीं लगवाए थे एंटी रैबीज इंजेक्शन, हालत बिगड़ने पर कमरे में रखा बंद, बच्चे की मौत
मेरठ में एक बच्चे को आवारा कुत्ते ने काट लिया, कुछ दिन बाद ही बच्चे की हालत बिगड़ने लगी. बताया गया कि परिजनों ने बच्चे को एंटी रैबीज इंजेक्शन नहीं लगवाया गया था. वहीं हालत बिगड़ने पर बच्चे को कमरे में बंद रखा गया.
मेरठ में रक्षा बंधन यानी 28 अगस्त को 11 वर्षीय बच्चे को आवारा कुत्ते ने दाएं पैर में काट लिया. इसके बाद परिजन उसे प्राइवेट डॉक्टर के पास ले गए. वहां डॉक्टर से बच्चे को एंटी रेबीज की जगह टिटनेस का इंजेक्शन लगवा दिया. हालांकि, उस वक्त बच्चे को आराम मिल गया. लेकिन, 1 हफ्ते पहले बच्चे के पैर में दर्द होने लगा. इसके साथ ही तेज बुखार भी आने लगा. इसके बाद परिवार को बच्चे को लेकर पहले मेरठ जिला अस्पताल, फिर दिल्ली एम्स पहुंचा. लेकिन, सभी डॉक्टरों ने बच्चे को देखने के बाद जवाब दे दिया. वापस आने के बाद परिवार ने बच्चे को एक कमरे में बंद कर दिया. 2 दिन तक वह अजीब-अजीब हरकत करता रहा. कुछ नहीं खाया. आखिरकार रविवार को उसने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया. सोमवार को परिजनों ने गढ़मुक्तेश्वर में उसका अंतिम संस्कार कर दिया.
दरअसल, दिल्ली रोड स्थित सूर्यापुरम कॉलोनी में रहने वाले धन्नू स्पोर्ट्स फैक्ट्री में ट्रैक सूट बनाने का काम करते हैं. उनका बेटा दुष्यंत रक्षा बंधन पर यानी 70 दिन पहले घर के बाहर खेल रहा था, तभी उसे कुत्ते ने काट लिया. बच्चे के पैर से खून निकलने लगा. इसके बाद घरवाले दुष्यंत को डॉक्टर के पास ले गए. वहां पड़ोसियों के कहने पर डॉक्टर से टिटनेस का इंजेक्शन लगवा दिया. घरवालों ने बताया कि बेटे को उस दौरान आराम मिल गया. वह पूरी तरह से ठीक हो गया था. लेकिन अक्टूबर महीने में कुत्ते की मौत हो गई थी.
वहीं, एक हफ्ते पहले बेटे को उसी पैर में दर्द होने लगा, जिसमें कुत्ते ने काटा था. इसके साथ ही तेज बुखार भी आने लगा. इसके बाद हम बेटे को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे. यहां डॉक्टरों ने बेटे को चेक किया. उन्होंने कहा कि हमारे बस की बात नहीं है. इसे दिल्ली लेकर जाइए. इसके बाद डॉक्टरों ने बेटे को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर किया गया. वहां से गुरु तेगबहादुर अस्पताल और फिर एम्स भेजा गया. एम्स के डॉक्टरों ने भी जवाब दे दिया. कहा कि बच्चे के पूरे शरीर में रेबीज फैल चुका है. इसलिए अब उसे बचाया नहीं जा सकता है. अब इसे घर लेकर जाइए.
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हालत बिगड़ने पर कमरे में रखा गया बंद
घरवालों ने बताया कि इसके बाद हम लोग बेटे को घर लेकर आए. यहीं पर देसी इलाज शुरू किया. मगर, बेटे अजीब-अजीब हरकतें शुरू कर दी थीं. इसके बाद हम लोगों को मजबूरन बेटे को एक कमरे में बंद करना पड़ा. इसके बाद बेटा न कुछ खाता था. न ही किसी से बात करता था. आखिरकार रविवार रात बेटे ने हम लोगों के सामने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया. हम लोग कुछ कर न सके.