धनबाद, दिलीप दीपक : धनबाद जिले के गोविंदपुर निबंधन कार्यालय के बाहर केवाला दस्तावेज नवीसों के सिरिस्ता में शनिवार की रात असामाजिक तत्वों ने आग लगा दिया. जिसमें एक दर्जन से अधिक दस्तावेज नवीस का सिरिस्ता जलकर राख हो गया. इससे दस्तावेज नवीसो को दो लाख से अधिक की आर्थिक क्षति हुई है.
जानकारी के अनुसार शनिवार की रात लगभग साढ़े 8 बजे पप्पू चौधरी, लालू चौधरी एवं मधुसूदन दा के सिरिस्ता में असामाजिक तत्वों ने आग लगाई. आग लगने की सूचना पाकर प्रखंड विकास पदाधिकारी संतोष कुमार, रतनपुर के पूर्व मुखिया चुन्नी मजूमदार, नजरुल हक,रवि हाड़ी ,वाल्मीकि प्रसाद, राहुल रंजन एवं कई दस्तावेज नवीस पहुंचे. उन लोगों ने दो घंटे की मशक्कत के बाद आग बुझाने में सफलता पाई. इसके बाद प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं सभी दस्तावेज नवीस अपने – अपने घर चले गए. कहा जाता है कि रात 12:00 बजे के बाद असामाजिक तत्वों ने फिर एकबार दस्तावेज नवीस नजरुल हक, गोपी चटराज, रिजवान अंसारी, छोटू लाहा और निताई दा के सिरिस्ता को आग लगा दिया.
सिरिस्ता में दोबारा आग लगाए जाने की जानकारी सभी को रविवार सुबह हुई. तो सभी दस्तावेज नवीस दौड़े-दौड़े निबंधन कार्यालय पहुंचे. आग लगी कि इस घटना से चाय दुकान चलाने वाले सुरेंद्र शाह एवं सत्तु बिस्कुट बेचने वाले वाल्मीकि प्रसाद का दुकान भी जलकर राख हो गया. आम का पेड़ भी काफी झुलस गया है. पिछले 12 वर्षों से सुविधाओं के बीच दस्तावेज नवीस यहां बांस एवं प्लास्टिक का टेंट (सिरिस्ता) लगाकर अपना काम करते हैं. गनीमत अच्छी थी कि यह आग निबंधन कार्यालय की ओर नहीं भड़की अन्यथा स्थिति आज अलग होती. सरकार को काफी क्षति हो सकती थी. पांच साल पहले भी दस्तावेज नवीसो की सरिश्ता में आग लगाई गई थी.
जानकारी के अनुसार निबंधन कार्यालय में निजामुद्दीन अंसारी नामक एक नाइट गार्ड भी कार्यरत हैं लेकिन उनसे रात्रि प्रहरी का काम लेने के बजाय दिन में पियून का काम लिया जाता है. असामाजिक तत्वों द्वारा सिरिस्ता में आग लगाए जाने की घटना से दस्तावेज नवीसो में काफी आक्रोश है. उन लोगों ने धनबाद उपायुक्त एवं निबंधन पदाधिकारी संतोष कुमार रजक से रात्रि प्रहरी की मांग की है.
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सुरेंद्र शाह चाय दुकानदार- रजिस्ट्री कार्यालय के बाहर सुरेंद्र शाह एवं उसकी पत्नी चाय दुकान चलाकर अपना घर परिवार चलाती हैं. इस घटना से उनका बांस, बल्ला एवं प्लास्टिक का टेंट दुकान पूरी तरह जलकर राख हो गया है. उन्होंने कहा कि उन्हें दस हजार का नुकसान हुआ है. पुनः इस तरह का दुकान बनाना उनके लिए काफी मुश्किल का काम होगा.
नजरुल हक दस्तावेज नवीस- तमाम तरह की अव्यवस्थाओं के बीच हुए लोग दस्तावेज नवीस का काम करते हैं. जमीन खरीद – बिक्री करने वाले लोग उनके सिरिस्ता में आकर बैठते हैं और अपना डीड बनाते हैं. फिर से सिरिस्ता बनाने में जहां उन लोगों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ेगा. वहीं, इस घटना की जितनी भी निंदा की जाए कम होगी.
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