बंगाल में पांचवें चरण के मतदान से पहले इलेक्शन कमीशन ने ममता बनर्जी के प्रचार करने पर 24 घंटे का बैन लगा दिया है. यह बैन 12 अप्रैल की रात आठ बेज से 13 अप्रैल की रात आठ बजे तक के लिए लगाया गया है. चुनाव आयोग के इस फैसले को टीएमसी ने ब्लैक डे ऑफ डेमोक्रेसी कहा है. वहीं टीएमसी के विवादित नेता अनुब्रत मंडल ने आयोग को अंधा धृतराष्ट्र बताया है.
बांग्ला टीवी चैनल से बात करते हुए बीरभूम टीएमसी के अध्यक्ष अनुब्रत मंडल ने कहा कि चुनाव आयोग अंधा धृतराष्ट्र बन गया है. जब राहुल सिन्हा और दिलीप घोष विवादित बयान देता है, तो आयोग आंख मूंद लेता है, लेकिन ममता बनर्जी पर समाजिक एकजुटता वाले बयान पर कार्रवाई कर दिया है. उन्होंने कहा कि मैंने कई चुनाव देखे हैं, लेकिन ऐसा आयोग और आयुक्त नहीं देखा है.
इधर. टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट कर कहा कि आयोग का फैसला लोकतंत्र के गले घोटने जैसा है. उन्होंने आगे कहा कि चुनाव के समय आयोग बिल्कुल कमजोर पड़ चुका है. 12 अप्रैल हमारे लोकतंत्र में काला दिन है. हमें हमेशा मालूम था कि हम बंगाल जीत रहे हैं. वहीं पार्टी के एक अन्य नेता कुणाल घोष ने आयोग के फैसले पर कहा, ‘आयोग भाजपा की शाखा की भांति बर्ताव कर रहा है. यह पाबंदी ज्यादती है एवं इससे अधिनायकवाद की बू आती है. आयोग का एकमात्र लक्ष्य बनर्जी को चुनाव प्रचार से रोकना है क्योंकि भाजपा पहले ही हार भांप चुकी है. यह शर्मनाक है.
बता दें कि निर्वाचन आयोग के 24 घंटे तक प्रचार करने पर पाबंदी लगाने के फैसले के खिलाफ आज ममता बनर्जी कोलकाता के गांधीमूर्ती पर धरना देंगी. टीएमसी सुप्रीमो ने ट्वीट कर कहा कि यह असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक फैसला है. आयोग ने कल देर रात ममता बनर्जी के एक बयान पर कार्रवाई करते हुए 24 घंटे तक उनके कैंपेन करने पर रोक लगा दिया.
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