सीए मनीष का विस्फोटक बयान, अनुब्रत मंडल के दबाव में आकर कम कीमत पर सुकन्या को बेची 15 करोड़ की संपत्ति
ईडी सूत्रों के मुताबिक, मनीष ने जिरह के दौरान दावा किया कि उन्होंने अपनी कंपनी के लगभग 15 करोड़ रुपये की विभिन्न संपत्तियों को सुकन्या को केवल 36 लाख रुपये में बेचा था. अधिकारी मनीष ने बताया कि 25 अगस्त 2017 को कंपनी के कुल 17 शेयरधारक सुकन्या और विद्युत्वरन गायेन को स्थानांतरित कर दिए गए थे.
मुकेश तिवारी, बीरभूम. गौ तस्करी मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तार कर दिल्ली ले जाए गए अनुब्रत मंडल के सीए मनीष कोठरी ने रविवार को ईडी द्वारा किए गए पूछताछ में विस्फोटक बयान दिया है. अनुब्रत मंडल के सीए मनीष कोठारी ने ईडी की पूछताछ में उन्होंने बताया कि उन्हें अपनी ही 15 करोड़ की कंपनी को पानी की कीमत पर सुकन्या मंडल के नाम से लिखने को मजबूर होना पड़ा.
मनीष फिलहाल दिल्ली में ईडी की हिरासत में
ईडी सूत्रों के मुताबिक मनीष ने जिरह में यह दावा किया है. अनुब्रत मंडल की गिरफ्तारी के बाद से ही उनके करीबी सहयोगी केंद्रीय जांच एजेंसी की निगरानी में हैं. अनुब्रत की बेटी सुकन्या मंडल और सीए मनीष कोठारी उस सूची में थे. मनीष फिलहाल दिल्ली में ईडी की हिरासत में है. जांच शुरू करने के बाद जांचकर्ताओं को मनीष कोठारी की संपत्ति की जानकारी मिली थी. मालूम हो कि उसकी एएनएम एग्रोटेक फूड्स प्राइवेट लिमिटेड नाम से कंपनी थी. जिसके कुल 17 शेयरधारक थे.
15 करोड़ रुपये की संपत्ति को सुकन्या को केवल 36 लाख में बेचा
ईडी सूत्रों के मुताबिक, मनीष ने जिरह के दौरान दावा किया कि उन्होंने अपनी कंपनी के लगभग 15 करोड़ रुपये की विभिन्न संपत्तियों को सुकन्या को केवल 36 लाख रुपये में बेचा था. अधिकारी मनीष ने बताया कि 25 अगस्त 2017 को कंपनी के कुल 17 शेयरधारक सुकन्या और विद्युत्वरन गायेन को स्थानांतरित कर दिए गए थे. इसी तरह मनीष ने 14 अक्टूबर 2019 को सुकन्या को दूसरी कंपनी नीर डेवलपर प्राइवेट लिमिटेड का डायरेक्टर बना दिया था.
Also Read: कोलकाता में बीजेपी पर जमकर बरसे अखिलेश, कहा- ‘कांग्रेस वाला हश्र होकर रहेगा’, जाति जनगणना पर जोर
मनीष से मिली जानकारी की पुष्टि जारी
विद्युत्वरन गायेन की 24 नवंबर, 2018 से कंपनी में हिस्सेदारी थी. सूत्रों के मुताबिक ईडी मनीष से मिली जानकारी की पुष्टि कर रहा है. संयोग से जानकारी यह है कि मनीष कोठारी के पास रूपपुर मौजा, गोपालनगर मौजा, कांकालीतला मौजा, द्वारकानाथपुर मौजा, सुरुल मौजा समेत बोलपुर के लगभग सभी मौजा में जमीन है. और इन सभी जमीनों को उसने 2016 से 2022 के बीच खरीदा था. परिणामस्वरूप मनीष को अनुब्रत के दबाव के कारण ही उक्त बात माननी पड़ी थी.