West Bengal: टेट घोटाले से भी जुड़ रहा अनुब्रत का नाम, सीबीआई मामले की जांच में जुटी
पश्चिम बंगाल में अवैध कोयला खनन व तस्करी व शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच सीबीआई कर रही है. वहीं, इन मामलों के धनशोधन पक्ष की पड़ताल प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रही है. बताया जा रहा है कि ईडी इन मामलों के बीच जोड़ने वाली कड़ी को लेकर भी तफ्तीश में जुटी है.
पश्चिम बंगाल में अवैध कोयला खनन व तस्करी व शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) कर रही है. वहीं, इन मामलों के धनशोधन पक्ष की पड़ताल प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रही है. बताया जा रहा है कि ईडी इन मामलों के बीच जोड़ने वाली कड़ी को लेकर भी तफ्तीश में जुटी है. तीनों ही मामलों में तृणमूल के कुछ अन्य नेता व प्रभावशाली लोग केंद्रीय जांच एजेंसियों के रडार पर हैं. सूत्रों की मानें, तो मवेशी तस्करी के मामले में गिरफ्तार तृणमूल कांग्रेस के हेवीवेट नेता और बीरभूम में तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष अनुब्रत मंडल का नाम अब प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए आयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) में हुई धांधली से भी जुड़ रहा है.
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टेट घोटाले मामले में कई लोगों की हो चुकी है गिरफ्तारी
ईडी टेट में हुए घोटाले की जांच के तहत तृणमूल विधायक व प्राथमिक शिक्षा पर्षद के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. माणिक ने मार्च 2012 में उनके करीबी माने जाने वाले व्यवसायी तापस मंडल के कॉलेज स्ट्रीट स्थित किराये के मकान में बंगाल टीचर्स ट्रेनिंग अचीवर्स (बीटीटीए) नामक एक संगठन शुरू किया था. यह बात सामने आ रही है कि उक्त संगठन से तृणमूल नेता अनुब्रत मंडल के करीबी भी बतौर प्रतिनिधि जुड़े थे. ईडी द्वारा उन्हें जल्द पूछताछ के लिए तलब किया जा सकता है.
अनुब्रत अपने करीबी अभ्यर्थियों के नामों की सूची माणिक को दिया करते थे
वर्ष 2012 से 2017 के बीच राज्य में निजी संस्थानों व स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा लगभग 30 निजी बीई, पॉलिटेक्निक कॉलेज बनाये जाने की बात सामने आयी है. इस आशंका को खारिज नहीं किया जा रहा है कि मवेशियों की तस्करी से प्राप्त रुपये का एक बड़ा हिस्सा विभिन्न निजी संस्थानों व स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से विभिन्न व्यवसायों में निवेश किया गया था. सूत्रों के अनुसार हो सकता है कि ये सभी निजी कॉलेज मवेशियों की तस्करी से प्राप्त रुपये से बनाये गये हों. संदेह जताया जा रहा है कि स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) और प्राथमिक टेट में ‘बीइडी’ और ‘डीइएलइडी’ के फर्जी प्रमाण पत्र उन कॉलेजों के माध्यम से अयोग्य अभ्यर्थियों द्वारा प्रस्तुत किये गये होंगे. यह आरोप भी है कि अनुब्रत अपने करीबी प्रतिनिधियों के माध्यम से माणिक को प्राथमिक टेट के लिए अयोग्य अभ्यर्थियों के नामों की सूची से अवगत कराते थे.
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