अनुब्रत मंडल की अनुपस्थिति में बीरभूम में पार्टी की कमान किसको ? ममता बनर्जी ने किया खुलासा

टीएमसी के कद्दावर नेता मंडल अभी भी पार्टी की बीरभूम इकाई के अध्यक्ष हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें पशु तस्करी में उनकी कथित संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किया है. ममता ने बीरभूम में पार्टी संगठन से जुड़े मामले देखने का फैसला ऐसे समय में किया है, जब बंगाल में एक महीने के भीतर पंचायत चुनाव होने हैं.

By Aditya kumar | March 18, 2023 1:35 PM
an image

Anubrata Mondal : तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ममता बनर्जी ने गिरफ्तार नेता अनुब्रत मंडल की अनुपस्थिति में बीरभूम जिले में पार्टी संगठन से जुड़े मामले खुद देखने का फैसला किया है. यह जानकारी पार्टी के एक वरिष्ठ सदस्य ने दी. टीएमसी के कद्दावर नेता मंडल अभी भी पार्टी की बीरभूम इकाई के अध्यक्ष हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन्हें पशु तस्करी में उनकी कथित संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किया है. ममता ने बीरभूम में पार्टी संगठन से जुड़े मामले देखने का फैसला ऐसे समय में किया है, जब बंगाल में एक महीने के भीतर पंचायत चुनाव होने हैं.

पार्टी की बैठक के दौरान लिया फैसला

तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने शुक्रवार को कहा कि यह फैसलाममता के कालीघाट स्थित आवास पर पार्टी की बैठक के दौरान लिया गया. बंदोपाध्याय ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘हमारी पार्टी प्रमुख बीरभूम जिले में पार्टी संगठन से जुड़े मामलों को देखेंगी. पूर्वी बर्धमान और दार्जिलिंग में पार्टी से जुड़े मामले देखने वाले अरूप बिस्वास को नदिया जिले का प्रभार संभालने के लिए भी कहा गया है. वहीं, फिरहाद हाकिम हावड़ा और हुगली जिलों में पार्टी मामलों को देखेंगे.’

Also Read: Anubrata Mandal: गौ तस्करी के करोड़ों का काला धन IPL के जरिये किया जाता था सफेद! पूछताछ जारी

बंट सकती है कई जिम्मेदारियां

बंदोपाध्याय ने बताया कि मलय घटक बांकुड़ा, पुरुलिया और पश्चिम बर्धमान जिलों में पार्टी मामलों को देखेंगे, जबकि तापस रॉय दक्षिण दिनाजपुर जिले के संरक्षक होंगे. पार्टी सूत्रों ने कहा कि वरिष्ठ नेता सिद्दीकुल्ला चौधरी के अलावा सबीना यास्मीन को उत्तर दिनाजपुर, मालदा और मुर्शिदाबाद जिलों में टीएमसी से जुड़े मामले देखने का जिम्मा सौंपा गया है. यह पूछे जाने पर कि क्या नेता पार्टी पर्यवेक्षकों के रूप में काम करेंगे, टीएमसी सांसद बंदोपाध्याय ने कहा, “पार्टी द्वारा किसी को भी पर्यवेक्षक नहीं बनाया गया है. इनमें से प्रत्येक नेता उन जिलों में पार्टी से जुड़े मामलों को देखेंगे, जो उन्हें आवंटित किए गए हैं.’’

सोर्स : भाषा इनपुट

Exit mobile version