कर्नेश शर्मा बोले- अनुष्का शर्मा की प्राथमिकता बेटी वामिका है, Chakda Xpress के बारे में कही ये बात
क्लीन स्लेट के प्रमुख कर्नेश शर्मा ने अपने नए ओटीटी प्लेटफार्म, क्रिकेट क्लब यॉर्कशायर काउंटी क्लब से क्लीन स्लेट के जुड़ाव और बहन अनुष्का शर्मा के प्रोडक्शन कंपनी छोड़ने के फैसले से लेकर कई मुद्दों पर बात की.
एनएच 10, परी, बुलबुल जैसी महिला प्रधान फिल्मों को बनाने वाली प्रोडक्शन कंपनी क्लीन स्लेट जल्द ही महिला प्रधान ओटीटी प्लेटफार्म शुरू करने जा रही है. आनेवाले साल में इसकी लॉन्चिंग होगी. क्लीन स्लेट के प्रमुख कर्नेश शर्मा ने अपने नए इस ओटीटी प्लेटफार्म, क्रिकेट क्लब यॉर्कशायर काउंटी क्लब से क्लीन स्लेट के जुड़ाव और बहन अनुष्का शर्मा के प्रोडक्शन कंपनी छोड़ने के फैसले से लेकर कई मुद्दों पर बातचीत की. उर्मिला कोरी से हुई बातचीत के प्रमुख अंश
ओटीटी प्लेटफार्म पर प्रोडक्शन हाउस क्लीन स्लेट जल्द ही महिला प्रधान ओटीटी प्लेटफार्म लॉन्च करने जा रहा है इसके पीछे की सोच क्या है?
मुझे लगता है कि महिलाओं का जो प्रतिनिधित्व सिनेमा में है. वो इतना अच्छा नहीं है. मौजूदा परिदृश्य में देखें तो 70 से 80 प्रतिशत की जो प्रोग्रामिंग है. वो मर्दों की है. वे उनके लिए है. महिलाएं कहानी में क्या कर रही हैं क्या वो बाय प्रोडक्ट हैं या कहानी को आगे बढ़ा रही हैं. हमें लगा कि बराबरी करने के लिए नए टैलेंट्स को मौका देना होगा खासकर महिलाओं को. जो हम कर रहे हैं. उसको बड़े स्केल पर करें. जो नया टैलेंट हैं. हम उसको लाए. उनको ग्रूम करें. जो एंटरटेनमेंट लैंडस्केप है हमारे देश का उसको बदलने के लिए हम एक कदम आगे बढ़ाए. 90 के दशक में सेटेलाइट टेलीविज़न आया था. उसकी रिमोट औरतों के हाथ में था और इसलिए वो प्रोग्रामिंग भी औरतों के लिए खास थी. तारा,हसरतें,सांस अभी भी याद है. अब ओटीटी का ज़माना है. वापस रिमोट औरतों के पास है लेकिन हमारी प्रोग्रामिंग 90 के दशक वाली ही है. आज की औरतें अलग हैं. वे सामाजिक,आर्थिक हर तरह से बहुत इंडिपेंडेंट हैं. उनकी सोच सिनेमा के स्क्रीन पर नहीं आ रही है. ऐसा मुझे लगता है तो ये पहल उसके लिए है. हमारा ओटीटी प्लेटफॉर्म 2023 में ये शुरू हो जाएगा इसलिए स्ट्रक्चर और हमारी टीम पूरी तरह से तैयार हैं. 18 कहानियां तैयार हैं.
जो आप कंटेंट बनाएंगे क्या वो भी पूरी तरह से वुमन बेस्ड होगा?
कोई फीमेल डायरेक्टर है. उसकी जो भी कहानी हो. बस अच्छी होनी चाहिए तो हम उसको बढ़ावा देंगे. हमारा मानना है कि एक अच्छी कहानी दोनों जेंडर द्वारा देखी जाती है लेकिन औरतों की भागीदारी उतनी ज़्यादा नहीं है तो उसको बढ़ावा हम ज़रूर देना चाहेंगे.
वुमन बेस्ड ओटीटी प्लेटफार्म का मतलब क्या आप अपने दर्शकों को सीमित नहीं कर रहे हैं?
ये कोई कॉस्मेटिक नहीं है कि लिपस्टिक ज़्यादातर महिलाएं ही इस्तेमाल करती हैं. आखिरकार महिला ओटीटी प्लेटफार्म में भी एक कहानी बतायी जाएगी. एक कहानी को अच्छी तरह से कहा जाए तो वह सभी को पसंद आएगी. क्वीन,कहानी, एन एच 10 महिलाओं के साथ साथ पुरुषों को भी बहुत पसंद आयी थी. हम समानता की बात कर रहे हैं. हमारी फिल्मों में महिला फ़िल्म डायरेक्टर नहीं हैं क्योंकि मौके नहीं हैं. किसी भी आदमी जिसकी सोच सही होगी वो इस बात से इतेफाक रखेगा.
बहुत सारे और भी ओटीटी प्लेटफॉर्म्स हैं तो कॉम्पिटिशन के लिए कितने तैयार हैं?
कॉम्पटीशन होना बहुत ज़रूरी है क्योंकि आप सतर्क रहते हैं. आप अच्छा काम करते हैं. इंस्पिरेशन होना ज़्यादा ज़रूरी है. कॉम्पटीशन से इंस्पिरेशन आता है.
आपकी बहन अनुष्का का कितना सपोर्ट है?
अनुष्का से हर मोमेंट पर बात होती है. हर कहानी पर विचार होता रहता है लेकिन अभी वो मदरहुड को एन्जॉय कर रही हैं. बच्ची का ख्याल रखना सबसे ज़्यादा ज़रूरी है. कोविड गया नहीं है पूरी तरह से तो आप बेफिक्र होकर कहीं आ जा नहीं सकते हैं. अनुष्का हमारे साथ हमेशा हैं चाहे वह पेपर पर ना हो. वो इतनी बड़ी कलाकार हैं. उनके इनपुट बहुत स्ट्रांग होते हैं. वे एक्टर के तौर पर भी हमारे प्रोडक्शन की फिल्में करती रहेंगी. चकदा एक्सप्रेस हमारे ही प्रोडक्शन की फ़िल्म है.
अनुष्का ऑन पेपर क्यों क्लीन स्लेट का क्यों हिस्सा नहीं रही हैं?
उन्होंने जो भी सोशल मीडिया पर लिखा था. वही बात सही है. वो वमिका पर फोकस करना चाहती हैं इसलिए उन्होंने क्लीन स्लेट को छोड़ा है लेकिन वो हमेशा हमारे साथ हैं.
वामिका के साथ आपकी बॉन्डिंग कैसी है?
बहुत प्यारी बच्ची है. बहुत शार्प और इंटेलिजेंट है. उसके साथ समय बिताना बहुत पसंद करता हूं. उम्मीद करता हूं कि आगे जाकर हमारा रिश्ता और स्पेशल हो.
अभी साउथ सिनेमा का बूम है क्या आप लोग पैन इंडिया फिल्मों को बनाने की सोच रहे हैं?
मुझे लगता है कि हमको वही करना चाहिए. जो हमको समझ आता है. वो जो करते हैं बहुत अच्छा करते हैं. मैंने पुष्पा देखी मुझे बहुत मज़ा आया. हमारी जो स्ट्रेंथ है वो छोटी कहानियां हैं. वो लोग अच्छा कर रहे हैं. हमें सोचना चाहिए कि हम क्या अच्छा कर सकते हैं.
आप जिस तरह के कंटेंट बनाते आए हैं पहले और अभी में क्या संघर्ष बदला है?
चुनौतियां यही थी कि लोगों को लगता था कि बहुत रिस्की है. जब हम परी बना रहे थे तो एक बड़े निर्माता ने कहा था कि क्यों बना रहे हो. एक तो तुम्हारी फ़िल्म हॉरर है. उसमें गाने नहीं है. सेक्स नहीं है. कोई नहीं देखेगा लेकिन हमको कहानी में विश्वास था. ज़रूरी है कि हम अपने तौर तरीके बदलें. बदलाव लाए क्योंकि अब पूरी दुनिया आपके मोबाइल फोन में है. आपको अपने कंटेंट के साथ इनोवेटिव होना ही होगा.
बाबिल को आप फ़िल्म कला से लांच कर रहे हैं,प्रोड्यूसर के तौर में बाबिल में आपकी सबसे ज़्यादा क्या अपील कर गया?
बाबिल की एक्टर के तौर क्षमता मैंने ऑडिशन में देखी थी. मैं बताना चाहूंगा कि जब तक हम एक्टर्स का ऑडिशन पसंद नहीं करते हैं. हम उनसे मिलते नहीं है ताकि हम उससे प्रभावित हो. हमने बाबिल का ऑडिशन किया. हमने कास्टिंग डायरेक्टर को बोला कि ये लड़का अच्छा है. हमने ओके कर दिया. अगले दिन जब बाबिल हमें मिलने आए तो हमें पता चला कि वो इरफान सर के बेटे हैं. बाबिल का सिलेक्शन उनके मेरिट पर हुआ हैं. बाबिल बहुत ही रॉ और टैलेंटेड एक्टर हैं. फ़िल्म की शूटिंग खत्म हो गयी है. नेटफ्लिक्स पर फ़िल्म रिलीज होगी.
आपकी प्रोडक्शन कंपनी यॉर्कशायर क्लब से भी जुड़ी है यह पहली बार होगा जब कोई प्रोडक्शन कंपनी क्रिकेट क्लब से जुड़ी है?
यॉर्कशायर क्रिकेट क्लब के साथ ये एसोसिएशन है. यॉर्क शायर में रंगभेद का केस आया था. जो कि बहुत ही बुरी चीज इंसानियत के लिए है. उसके बाद एक नयी मैनेजमेंट एक नयी टीम आयी. जिनका नेतृत्व लार्ड पटेल ने किया. लार्ड पटेल का जो न्याय,सच्चाई,बराबरी के प्रति जो कमिटमेंट है. उन वैल्यूज में हम भी विश्वास करते हैं तो यह सब बहुत ही नेचुरल फिट हुआ. हम लार्ड पटेल से मिले. हमने अपनी सोच रखी उसके बाद ये पार्टनरशिप हुई. आज हम बहुत गर्व से कह सकते हैं कि यूके के ग्राउंड पर एक इंडियन कंपनी अपनी प्रेजेंस और स्पांसरशिप को रखेगी.