Loading election data...

UP Election 2022: कल्याण सिंह को हराने वाले अनवर के बेटे साकिब रालोद में शामिल, समझें अतरौली का समीकरण

साकिब अनवार 2012 में अतरौली विधानसभा क्षेत्र से पूर्व सीएम कल्याण सिंह की पुत्रवधु व पूर्व विधायक प्रेमलता वर्मा के सामने बसपा के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े थे. कड़े मुकाबले में न तो प्रेमलता वर्मा चुनाव जीत पाईं थीं, न साकिब अनवार चुनाव जीत सके थे.

By Prabhat Khabar News Desk | January 17, 2022 7:06 AM

Aliagrh News: यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को उनके गढ़ अतरौली में शिकस्त देने वाले अनवर अहमद खां के पुत्र साकिब अनवार बसपा छोड़ रालोद में शामिल हो गए. साकिब अनवार का विधानसभा चुनाव से पहले रालोद की सदस्यता लेना अतरौली में चुनावी गणित को प्रभावित करेगा.

बसपा छोड़ रालोद के हुए साकिब

अलीगढ़ की अतरौली विधानसभा में चुनाव से ठीक पहले साकिब अनवार बसपा को छोड़कर रालोद में शामिल हो गए. रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी के दिल्ली निवास पर रालोद मुखिया जयंत चौधरी ने साकिब अनवार को रालोद की सदस्यता दिलाई और रालोद के ट्विटर हैंडल पर फोटो शेयर की.

कल्याण सिंह को दी थी मात

अलीगढ़ की अतरौली विधानसभा को बीजेपी का गढ़ माना जाता है, यहां से 10 बार पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह विधायक बने थे. साकिब अनवार के अब्बा अनवार खां 1980 में अतरौली विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में पूर्व सीएम कल्याण सिंह की सामने चुनाव लड़े थे. चुनाव में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी उनका प्रचार करने अतरौली आई थीं और खुद कई गांवों में पगडंडियों से होते हुए जनता के बीच वोट मांगने पहुंची थीं. अनवार खां ने कल्याण सिंह को अतरौली में ही हराया था.

साकिब अनवार 2012 में अतरौली विधानसभा क्षेत्र से पूर्व सीएम कल्याण सिंह की पुत्रवधु व पूर्व विधायक प्रेमलता वर्मा के सामने बसपा के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े थे. कड़े मुकाबले में न तो प्रेमलता वर्मा चुनाव जीत पाईं थीं, न साकिब अनवार चुनाव जीत सके थे. पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह अब नहीं रहे हैं. उनके नाती संदीप सिंह अतरौली विधानसभा से भाजपा के प्रत्याशी हैं. अनवार खां अतरौली में कल्याण सिंह परिवार को टक्कर देने वाले व्यक्तियों में से एक हैं. अनवर खां के पुत्र साकिब अनवार अतरौली में रालोद को मजबूत करने और विधानसभा चुनाव में रालोद-सपा गठबंधन के प्रत्याशी को जिताने में चुनावी गणित को प्रभावित करेंगे.

रिपोर्ट : चमन शर्मा

Next Article

Exit mobile version