शंभुनाथ चौधरी
नजरिया सकारात्मक हो तो हम-आप पायेंगे कि हमारे आसपास बहुत कुछ अच्छा और प्रेरक घट रहा है. राजधानी के सुरेंद्रनाथ सेंटेनरी स्कूल के पास एक ही वक्त दिखे दो दृश्यों ने लोगों को सुखद एहसास से भर दिया. सीबीएसइ 12वीं का परीक्षार्थी हर्ष परीक्षा शुरू होने के चार दिन पहले बरियातू-बूटी रोड पार करते वक्त एक वाहन की चपेट में आ गया. उसके हाथ-पांव टूट गये. वह 48 घंटे आइसीयू में रहा. डॉक्टरों के मुताबिक उसके सामान्य जिंदगी में लौटने में अभी महीनों लगेंगे.
पर, हर्ष होश में आते ही परीक्षा देने की जिद करने लगा. मां-पिता ने समझाया – बेटा, पहले ठीक हो जाओ… अगले साल परीक्षा दे देना. इधर, डॉक्टर भी छुट्टी देने को तैयार नहीं थे, पर हर्ष जिद पर अड़ा रहा. आखिरकार रास्ता निकला. पिता ने दौड़-धूप कर विशेष अनुमति ली. डॉक्टरों की सलाह पर परीक्षा सेंटर पर मेडिकल असिस्टेंस का इंतजाम किया गया. बच्चे को सेंटर पर एंबुलेंस में परीक्षा देने की इजाजत मिल गयी. वह एंबुलेंस में लेटकर परीक्षा दे रहा है.
वहीं दूसरी ओर, डीएवी पब्लिक स्कूल बरियातू के परीक्षार्थियों को स्कूल के शिक्षक एस बंदोपाध्याय एग्जाम सेंटर के बाहर मंत्र पढ़ते हुए अभिषिक्त करते दिखे. उन्होंने एक-एक कर सभी परीक्षार्थियों के सिर पर हाथ रखा और मंत्र पढ़ने का उपक्रम दोहराया.
(लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं)