Apara Ekadashi 2022: ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अपरा एकादशी (Apara Ekadashi 2022) कहा जाता है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का खास महत्व होता है. पंचांग के अनुसार, आज 30 मई 2022 दिन रविवार को एकादशी तिथी है. ऐसी मान्यता है कि अपरा एकादशी (Ekadashi 2022) का व्रत करने से भगवान श्री हरि विष्णु मनुष्य के जीवन से सभी दुख और परेशानियों को दूर कर देते हैं.
एकादशी तिथि का प्रारंभ: 25 मई 2022 दिन बुधवार को सुबह 10:32 से.
ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष एकादशी का समापन: 26 मई गुरुवार सुबह 10:54 पर.
एकादशी व्रत का प्रारंभ: 26 मई 2022 दिन गुरुवार.
एकादशी व्रत का पारण: 27 मई दिन शुक्रवार प्रातः काल 5:30 से 8:05 तक.
भगवान विष्णु जी का चित्र अथवा मूर्ति, पुष्प, फल, लौंग, नारियल, सुपारी, धूप, दीप, घी, पंचामृत, अक्षत, तुलसी दल, चंदन और मिठाई आदि
(1 )अपरा एकादशी (Apara Ekadashi 2022) के एक दिन पहले सूर्यास्त के बाद भोजन नहीं करे .
(2 )प्रातःकाल स्नान करने के बाद पिला वस्त्र धारण करे तथा भगवान विष्णु का पूजन करे .
(3 ) भगवान विष्णु की प्रतिमा छोटी चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर रखे उसके बाद भगवान विष्णु की पूजन करे.
(4 )भगवान विष्णु को ऋतुफल,सुपारी, पान के पता ,लौंग चढ़ाये.
(5 )भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने देशी घी का दीपक जलाये ,तथा भोग लगाये.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, अपरा एकादशी (Apara Ekadashi 2022) का अर्थ होता है अपार पुण्य. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने से मनुष्य को अपार पुण्य मिलता है, इसीलिए इसे अपरा एकादशी कहा जाता है. ऐसा कहा जाता है कि अपरा एकादशी के दिन पूजा करने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में मान-सम्मान, धन, वैभव और अरोग्य हासिल होता है.
अपरा एकादशी पर एक साफ और स्वच्छ आसन पर बैठ जाएं और ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप 108 बार करें. यह उपाय करने से घर में पवित्रता बनी रहती है तथा शांति का वास होता है.