Apara Ekadashi Vrat 2022 Date: हर माह में 2 बार एकादशी तिथि पड़ती है. एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में. इस तरह एक साल में कुल 24 एकादशी तिथि पड़ती है और इन सभी 24 एकादशी को अलग-अलग विशेष नाम से जाना जाता है. हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है. सभी एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है और इस दिन व्रत उपवास रख कर भक्त श्री विष्णु की विशेष पूजा अर्चना पूरे विधि-विधान के साथ करते हैं. इस व्रत को करने वाले भक्त इस दिन अपरा एकादशी व्रत कथा भी पढ़ते या सुनते हैं. जाने अपरा एकादशी व्रत कथा…
भगवान विष्णु की कृपा दिलाने वाले व्रत अपरा एकादशी व्रत की कथा इस प्रकार है. एक समय महीध्वज नामक एक धर्मात्मा राजा था. राजा का छोटा भाई वज्रध्वज बड़े भाई से हमेशा द्वेष रखता था. एक दिन अवसर पाकर इसने राजा की हत्या कर दी और उसके शव को जंगल में एक पीपल के नीचे गाड़ दिया. अकाल मृत्यु होने के कारण राजा की आत्मा प्रेत बनकर पीपल पर रहने लगी. अब इस मार्ग से गुजरने वाले हर व्यक्ति को राजा की आत्मा परेशान करती. एक दिन एक ऋषि इस रास्ते से गुजर रहे थे. इन्होंने प्रेत को देखा और अपने तपोबल से उसके प्रेत बनने का कारण जाना.
ऋषि ने पीपल के पेड़ से राजा की प्रेतात्मा को नीचे उतारा और उसे परलोक विद्या का उपदेश दिया. राजा को प्रेत योनि से मुक्ति दिलाने के लिए ऋषि ने स्वयं अपरा एकादशी का व्रत रखा और द्वादशी के दिन व्रत पूरा होने पर व्रत का पुण्य राजा के प्रेत को दे दिया. एकादशी व्रत का पुण्य प्राप्त करने से राजा को प्रेतयोनि से मुक्ति मिल गईा और उसे बैकुंठ में स्थान मिल गया.
अपरा एकादशी व्रत बृहस्पतिवार, मई 26, 2022 को है.
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एकादशी तिथि प्रारम्भ – मई 25, 2022 को 10:32 ए एम बजे
एकादशी तिथि समाप्त – मई 26, 2022 को 10:54 ए एम बजे
व्रत पारणा टाइम- 27 मई को, पारण समय – 05:25 सुबह से 08:10 सुबह तक
पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय – 11:47 सुबह