WB News: ऐप आधारित कैब पर सरकार लगाएगी लगाम, अब नहीं कर सकेंगे मनमानी
पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार ने ऐप आधारित कैब पर लगाम लगाने की तैयारी कर ली है. परिवहन विभाग ने सभी ऐप आधारित कंपनियों को कोलकाता में ऑफिस खोलने को कहा है.
कोलकाता. कोलकाता में चलने वाली ऐप आधारित कैब की मनमानी पर अब सरकार लगाम लगाने जा रही है. परिवहन विभाग इन ऐप आधारित कैब कंपनियों को कोलकाता में अपने कार्यालय खोलने के साथ ही यात्री हितों को ख्याल रखने को कहा. मंगलवार को ऐप कैप कंपनियों के साथ परिवहन विभाग की बैठक यह आदेश जारी किया गया. बैठक में उपस्थित परिवहन मंत्री ने स्नेहाशीष चक्रवर्ती ने कहा ने कहा कि यात्री हितों से किसी प्रकार का समझौता नहीं होगा. उन्होंने कहा कि किसी भी समस्या का शिकार हुआ यात्री कंपनी के कोलकाता स्थित दफ्तर में जाकर अपनी शिकायत कर सकें. इसकी सुविधा कंपनियों को देनी होगी. बैठक में परिवहन विभाग के प्रधान सचिव सौमित्र महतो के साथ परिवहन संगठनों के पदाधिकारी और ऐप कैब कंपनियों के प्रतिनिधी भी उपस्थित रहे.
चालकों को देना होगा 80 फीसदी भाग
बैठक में चालक हितों पर भी चर्चा हुई. इसमें तय हुआ कि ऐप कैब कंपनी पंजीकृत कैब चालकों को किराया का 80 प्रतिशत भाग देगा, जबकि कंपनी को किराये का 20 प्रतिशत भाग ही मिलेगा. बैठक में चालक की मौत होने पर कंपनी द्वारा क्षतिपूर्ति देने की बात भी कंपनी के प्रतिनिधियों के सामने रखी गयी. इसके साथ ही यह भी तय हुआ कि बगैर कारण बताये कोई भी कंपनी अपने चालक का आइडी ब्लॉक नहीं कर सकती है.
परिवहन विभाग हर तीन महीने पर ऐप कैब चालकों के साथ करेगी बैठक
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बैठक में यह भी तय हुआ की हर तीन महीने पर परिवहन विभाग ऐप कैब चालकों और यूनियनों के साथ बैठक करेगी. बैठक में ऑनलाइन ऐप कैब ऑपरेटर गिल्ट के महामंत्री इंद्रजीत बनर्जी, उपाध्यक्ष पार्थ सेन, ज्वाइंट काउंसिल एंड इम्पलाइ टैक्सी एसोसिएशन के महामंत्री शंकर घोष, एटक समर्थित ऐप कैब ऑपरेटर फोरम के अध्यक्ष नवल किशोर श्रीवास्तव, सह सचिव मो. मुस्ताख और सौभिक महतो, कोलकाता ओला-उबेर ड्राइवर यूनियन (एटक) अध्यक्ष इंद्रजीत घोष महासचिव मो. मोनू और कोलकाता एप कैब एसोसिएसन के महामंत्री परविंदर सिंह उपस्थित रहे.